हैदराबाद : दुनियाभर में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जब राजनीतिक प्रतिशोध या फिर अन्य कारणों से नागरिक विमानों पर हमले किए गए हैं. कहने के लिए भले ही इसे गलती से हमला बताया गया हो, लेकिन इनमें अधिकतर घटनाओं की पृष्ठभूमि बताती है कि हमले जान बूझकर किए जाते हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह के हालात में जान आम लोगों की जाती है, जिनका पूरे मामले से कोई लेना देना नहीं होता. आइए, ऐसे ही कुछ मामलों पर डालते हैं एक नजर.
08.01.2020 : यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइंस फ्लाइट PS752
यूक्रेन के एक विमान को ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गर्ड कॉर्प्स ने मार गिराया. ईरान ने इसे मानवीय भूल बताया. बोइंग 737-800 में 176 लोग सवार थे. घटना खुमैनी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से टेकऑफ करने के तुरंत बाद हुई.
17.07.2014 : मलेशिया एयरलाइंस फ्लाइट 17
एमएच 17 फ्लाइट एम्सटर्डम से कुआलालंपुर (मलेशिया) जा रहा था. पूर्वी यूक्रेन के ऊपर इस पर हिट किया गया. 298 लोगों की मौत हो गई. जिन पर आरोप लगा, उनमें रूसी खुफिया विभाग के भी अधिकारी थे. हालांकि, रूस ने इससे इनकार किया.
10.04.2001 : साइबेरिया एयरलाइंस फ्लाइट 1812
रूसी विमान तेल अवीव से नोवोसिबिर्स्क जा रहा था. 78 लोग सवार थे. रूसी तट के नजदीक ब्लैक सी में विमान गिर गया. दरअसल, इसी समय यूक्रेन ने दो लंबी दूरी की मारक मिसाइलें दागी थीं. यूक्रेन ने इसे स्वीकार भी किया. उसने कहा कि अभ्यास के दौरान मिसाइलें दागी गई थीं.
12.02.1979 : एयर रोडेशिया फ्लाइट 827
करिबा से उड़ान भरने के पांच मिनट के अंदर जिम्बाब्वे (पुराना नाम रोडेशिया) के विद्रोहियों ने इन दोनों विमानों को मार गिराया था. दोनों पर रूस निर्मित स्ट्रेला मिसाइल से हमला किया गया था. इस हमले में 100 लोग मारे गए.
21.02.1973 : लीबियन अरब एयरलाइंस की उड़ान 114
बोइंग 727-200 लीबिया के त्रिपोली से बेंगाजी (भाया कायरो) जा रहा था. इजरायली फाइटर एयरक्राफ्ट ने इसे मार गिराया. 113 यात्री सवार थे. पांच की छोड़ सभी की मृत्यु हो गई. इजरायल ने कहा कि विमान उसके मिलिट्री क्षेत्र (सिनाई) से गुजर रहा था.
27.07.1955 : एल अल फ्लाइट 402
एल अल फ्लाइट 402 लंदन से तेल अवीव जा रहा था. बीच में आंधी आने की वजह से विमान बल्गेरिया के हवाई क्षेत्र में चला गया. तभी बल्गेरियाई फाइटर ने इसे मार गिराया. 58 यात्री सवार थे. बल्गेरिया को हर्जाना भी भरना पड़ा.
23.07.1954 : कैथे पैसिफिक वीआर-एचईयू
चीनी लड़ाकू जेट विमानों ने कैथे पैसिफिक एयरलाइंस द्वारा संचालित ब्रिटिश-निर्मित डीसी -3 स्काईमास्टर को मार गिराया. उस समय हांगकांग ब्रिटेन का हिस्सा था. 18 में से 10 की मौत हो गई. चीन ने बाद में माफी भी मांगी. चीन ने कहा कि उसने इसे ताइवानी फाइटर जेट समझा था. इसके कुछ दिनों बाद अमेरिका ने चीन के दो विमान को मार गिराया था.
24.08.1938 : क्विलिन हादसा
पांच जापानी सैन्य विमानों ने एक चीनी-अमेरिकी स्वामित्व वाली डीसी -2 को मार गिराया. इसे क्विलिन के नाम से जाना जाता है. विमान हांगकांग से चोंगकिंग जा रहा था. उस समय चीन और जापान के बीच युद्ध जैसी स्थिति थी. इस हमले में 14 लोगों की जान चली गई. हालांकि पायलट की जान बच गई. वह अमेरिकी था.
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