नई दिल्ली : पूरा देश कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन मोड पर है. इस वायरस के कारण कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. इधर देश की सेना इस खतरे से निपटने के लिए कमर कस चुकी है और इससे लड़ने के लिए उसे आपातकालीन वित्तीय अधिकार सौंप दिया गया है.
सरकार ने शुक्रवार को सेना के कमांडरों (जनरल ऑफिसर कमांडिंग इनचार्ज), कोर और एरिया कमांडरों, और डिवीजन और सब-एरिया कमांडरों को आपातकालीन शक्तियां सौंप दीं.
आपातकालीन शक्तियां मिलने के बाद सेना सक्रिय रूप से संगरोध सुविधाओं और अलगाव वार्ड स्थापित कर रही है.
देश में तेजी से फैल रहे कोरना वायरस से निपटने के लिए संवर्धित वित्तीय शक्तियों की आवश्यकता आन पड़ी है.
आपातकालीन परिस्थितियों में रक्षा सेवाओं के लिए 'वित्तीय शक्तियों का प्रतिनिधिमंडल'-2016 (Emergency powers of the delegation) के आपातकालीन शक्तियां' के तहत इसे जारी किया गया है, ताकि पृथक वार्ड ( क्वारनटाइन) को स्थापित करने और उसे चलाने के लिए जरूरी चीजों की आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके. इसके अलावा कोविड -19 के प्रकोप से निपटने के लिए जरूरी सामाग्री, उपकरणों, दुकानों, राशन, स्वच्छता, रसायन आदि किया गया है.
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क्वारनटाइन को चलाने और स्थापित करने के लिए जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चार्ज को पूरी शक्तियां दी गई हैं, जबकि सीमा कमांडर और एरिया कमांडरों के लिए वित्तीय सीमा 50 लाख रुपये तक बढ़ा दी गई है, जबकि डिवीजन कमांडरों और सब एरिया कमांडरों के लिए यह 20 लाख रुपये है.
शक्तियों को तीन महीने की अवधि के लिए लागू किया गया है जिसे स्थिति के आधार पर बाद में संशोधित किया जा सकता है.