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बोडो समझौते की खुशी में जले लाखों दीये, असम के दौरे पर पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज असम में कोकराझार जिले का दौरा करेंगे. एनआरसी और सीएए के खिलाफ पूर्वोत्तर के कई इलाकों में नाराजगी है. लिहाजा, यह देखना दिलचस्प होगा कि पीएम की इस यात्रा पर वहां के लोग किस तरह से प्रतिक्रिया देते हैं. वैसे, गुरुवार की रात को कोकराझार जिले के लोगों ने दीए जलाकर बोडो समझौते का स्वागत किया. पढ़ें पूरी खबर.

assam visit of pm modi
पीएम मोदी का असम दौरा

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Published : Feb 7, 2020, 7:27 AM IST

Updated : Feb 29, 2020, 11:53 AM IST

नई दिल्ली/गुवाहाटी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज असम के दौरे पर जाएंगे. बोडो समझौते को लेकर कोकराझार में होने वाले एक समारोह में शिरकत करेंगे. पीएम के स्वागत की शानदार तैयारियां की गई हैं. कोकराझार जिले के लोगों ने लाखों दिए जलाकर अपनी खुशी जाहिर की है. समझौते पर हस्ताक्षर 27 जनवरी को किए गए थे.

असम की बीजेपी सरकार में मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक ट्वीट में बताया कि पीएम मोदी के स्वागत के लिए करीब 70 हजार मिट्टी के दीये जलाए गए हैं. सरमा ने लिखा कि यह उनकी असाधारण गतिशीलता, मजबूत व्यक्तित्व और अपने देश के मार्च के लिए स्पष्ट इरादे हैं जिससे उन्हें बहुत प्यार मिला है.

पीएम के इस दौरे का खास महत्व है. दरअसल, नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के बाद वे पहली बार असम जा रहे हैं. असम में एनआरसी की प्रक्रिया अब भी जारी है. उत्तर पूर्व भारत के कई इलाकों में सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर लोगों में नाराजगी रही है. लिहाजा, वहां के लोग पीएम की इस यात्रा का किस तरह से जवाब देंगे, यह देखना सबके लिए दिलचस्प होगा.

पीएम का ट्वीट

बता दें कि असम में एनआरसी और सीएए के खिलाफ उग्र विरोध प्रदर्शनों में तीन व्यक्ति मारे गए थे. इसके बाद राज्य के हालात तनावपूर्ण हो गए थे. तनाव के कारण मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के बीच एक शिखर बैठक गत दिसम्बर में गुवाहाटी में होनी थी, लेकिन उसे रद्द कर दिया गया था. मोदी को हाल में गुवाहाटी में सम्पन्न 'खेलो इंडिया' खेलों के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन वह उसमें भी शामिल नहीं हुए.

लेकिन, कोकराझार दौरे से पहले पीएम मोदी ने एक ट्वीट किया, 'कल मैं असम में दौरे को लेकर उत्सुक हूं. मैं एक जनसभा को संबोधित करने के लिए कोकराझार में रहूंगा. हम बोडो समझौते पर सफलतापूर्वक हस्ताक्षर किये जाने का जश्न मनाएंगे जिससे दशकों की समस्या का अंत होगा. यह शांति और प्रगति के नये युग की शुरूआत का प्रतीक होगा.'

बोडो समझौते पर हस्ताक्षर 27 जनवरी को सरकार द्वारा नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट आफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के चार धड़ों, आल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन और एक नागरिक समाज समूह के साथ किया गया था. इसका उद्देश्य असम के बोडो बहुल क्षेत्रों में दीर्घकालिक शांति लाना है.

प्रधानमंत्री ने हाल के एक ट्वीट में हस्ताक्षर वाले दिन को 'भारत का एक बहुत खास दिन बताया था' और कहा था कि यह बोडो लोगों के लिए परिवर्तनकारी परिणाम लाएगा.

समझौते पर हस्ताक्षर होने के दो दिनों में एनडीएफबी के विभिन्न धड़ों के 1615 से अधिक सदस्यों ने अपने हथियार सौंप दिये थे और मुख्यधारा में शामिल हो गए थे. मोदी ने अपने नवीनतम रेडियो संबोधन कार्यक्रम 'मन की बात' में अपील की थी कि जो भी हिंसा के मार्ग पर हैं वे मुख्यधारा में लौट आयें और अपने हथियार डाल दें.

Last Updated : Feb 29, 2020, 11:53 AM IST

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