गुवाहाटी : असम भाजपा के वरिष्ठ नेता हिमंत बिस्व सरमा ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार ने अंतिम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) सूची से बाहर हुए हिन्दू बंगालियों का जिलेवार आंकड़ा वर्तमान विधानसभा सत्र में पेश करने का निर्णय किया है.
असम के वित्तमंत्री सरमा ने दावा किया कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने राज्य में तीन वर्ष पहले राष्ट्रीय नागरिक पंजी प्रक्रिया के अद्यतन की प्रक्रिया में भारी अनियमितता पाई है.
उन्होंने कहा, 'हम (बाहर हुए) उन हिन्दू बंगाली व्यक्तियों के आंकड़े विधानसभा के वर्तमान सत्र के दौरान सार्वजनिक करेंगे, जो (अपने नाम एनआरसी में शामिल कराने के लिए) विभिन्न जिलों में आवेदन कर रहे हैं,'
बता दें कि राज्य विधानसभा का शीतकालीन सत्र गुरुवार को शुरू हुआ और यह छह दिसम्बर को समाप्त होगा.
सरमा ने कहा, 'हम पहले यह आंकड़ा नहीं दे सके क्योंकि एनआरसी तैयार नहीं हुआ था. अब हमारे पास जिलेवार आंकड़ा है.
गौरतलब है कि विभिन्न वर्गों की ओर से यह आरोप लगाया गया है कि 31 अगस्त को प्रकाशित अंतिम एनआरसी में बड़ी संख्या में हिन्दुओं को बाहर कर दिया गया है और इसमें 19 लाख से अधिक आवेदनकर्ता छोड़ दिए गए हैं.
उच्चतम न्यायालय की निगरानी वाली अद्यतन प्रक्रिया का उद्देश्य अवैध प्रवासियों की पहचान करना था, जिसमें अधिकतर बांग्लादेश से हैं. यह प्रक्रिया असम में संचालित की गई जहां पड़ोसी देश से 20वीं सदी के शुरुआत से ही लोगों का प्रवेश हो रहा है.