चंडीगढ़ : भारत कोरोना से जंग लड़ रहा है. ऐसे में देश के कोरोना वारियर्स जी जान से लोगों की सेवा में लगे हैं, फिर चाहे वो डॉक्टर्स हो या पुलिस कर्मी. चंडीगढ़ में दो बहनें ऐसी ही हैं, जो न सिर्फ चंडीगढ़ में रहकर कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही हैं, बल्कि उनका पूरा परिवार देश की रक्षा में जुटा है. हम बात कर रहे हैं चंडीगढ़ की दो एएसआई बहने आशा और बबीता देवी की.
आशा और बबीता चंडीगढ़ पुलिस में एएसआई के पद पर कार्यरत हैं. फिलहाल यह दोनों बहनें चंडीगढ़ में कोरोना के खिलाफ अपनी जिम्मेदारी को निभा रही हैं. ईटीवी भारत की टीम ने दोनों एएसआई बहनों से खास बातचीत की. बता दें कि एएसआई बहनें हरियाणा के महेंद्रगढ़ की रहने वाली हैं.
एएसआई बहनों ने बताया कि उनके परिवार में वह पांच बहनें और दो भाई हैं. पांच में से चार बहनें पुलिस में हैं और एक बहन टीचर है, जबकि दोनों भाई भारतीय सेना में है. इतना ही नहीं पांचों बहनों के पति भी भारतीय सेना में रहकर ही देश की रक्षा कर रहे हैं.
ईटीवी भारत से बात करते हुए आशा ने बताया कि वह साल 2015 में चंडीगढ़ पुलिस में भर्ती हुई थी. उनकी बहन कविता भी 2015 में ही चंडीगढ़ पुलिस भर्ती हुई थी. उन्होंने कहा कि इसके बाद दूसरी बहने भी प्ररेणा लेते हुए हरियाणा पुलिस में भर्ती हो गई. वहीं बबीता देवी ने बताया कि उनके पति सियाचिन के बर्फीली चोटियों पर ड्यूटी कर रहे हैं.
इसके साथ ही उन्होंने कहा वह फिलहाल चंडीगढ़ सब्जी मंडी के गेट नंबर दो पर तैनात हैं और 12 -12 घंटे की ड्यूटी कर रही हैं. उनके घर में बच्चे छोटे हैं, जिन्हें घर पर ही छोड़ कर आना पड़ता है. इस मुश्किल वक्त में देश के लिए अपनी जिम्मेदारियों को निभाना सबसे ज्यादा जरूरी है.
आशा देवी ने कहा उनके चाचा और ताऊ के परिवारों को भी देखा जाए तो उनके परिवारों से भी 10 से 12 महिलाएं पुलिस में ही सेवाएं दे रही हैं. इस तरह से न सिर्फ उनका परिवार बल्कि उनके कुनबे के ज्यादातर लोग सेना और पुलिस में ही काम कर रहे हैं.
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