पटना : देश की पहली लोकसभा के सदस्य और तत्कालीन डुमरांव राज (जमींदारी रियासत) के अंतिम महाराजा कमल बहादुर सिंह का 94 वर्ष की अवस्था में बक्सर जिले में रविवार को निधन हो गया. बेटे चंद्रविजय सिंह ने बताया कि उनके पिता पिछले छह वर्षों से अस्वस्थ चल रहे थे. उन्होंने भोर में पांच बजकर 10 मिनट पर अंतिम सांस ली.
कमल बहादुर सिंह देश की पहली लोकसभा में निर्वाचित होने वाले एकमात्र जीवित सदस्य थे. वह दो बार बक्सर (पूर्व में शाहाबाद) से निर्दलीय चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे.
महाराजा के निधन की खबर से पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई. केंद्रीय परिवार एवं कल्याण राज्यमंत्री सह बक्सर से बीजेपी सांसद अश्विनी कुमार चौबे ने कमल सिंह के निधन पर गहरी शोक संवेदना प्रकट की है. चौबे ने महाराजा के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने व्यक्त की शोक संवेदना. अश्विनी चौबे ने कहा, 'कमल सिंह जी विराट व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थे. उनका निधन मेरे लिए निजी क्षति है. उन्होंने प्रथम एवं द्वितीय लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया. बक्सर सहित संपूर्ण शाहाबाद और बिहार के विकास में उनका उल्लेखनीय योगदान रहा. परमपिता परमेश्वर दुख की इस घड़ी में परिवार के सदस्यों को संबल प्रदान करें.'
एक स्वर्णिम व गौरवशाली युग का अंत : नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कमल सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए घोषणा की कि उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.
नीतीश कुमार ने कहा कि सिंह के निधन के साथ ही एक स्वर्णिम और गौरवशाली युग का अंत हो गया. उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों के विकास के लिए बड़े पैमाने पर अपनी भूमि और संसाधनों का दान किया था. उनके निधन से राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों में अपूरणीय क्षति हुई है.