नई दिल्लीःपर्यावरण संरक्षण के लिए सिर्फ तकनीक समाधान नहीं है बल्कि इसके लिए पूरे समाज को सोचना होगा. ये कहना हैविज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा का. शर्मा नई दिल्ली में भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (आईएनएसए) में आयोजित विज्ञान पुस्तकों के विमोचन के दौरान बोल रहे थे.
आशुतोष शर्मा ने कहा कि इसमे कोई संदेह नहीं है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का अहम योगदान है, तकनीक के ज़रिए हम यह देखते हैं कि उत्पादन और खपत को ज़्यादा कुशल कैसे बनाया जाए. उन्होंने कहा कि हमें देखना होगा कि हम सभी अपने-अपने स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए क्या कर रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग प्रति वर्ष लगभग 500 करोड़ रुपये हरित ऊर्जा की तकनीक के क्षेत्र में व्यय करता है.