नई दिल्ली/जयपुर : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य का बजट पेश कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने बजट में सात खास संकल्पों का जिक्र किया है.
- पहला संकल्प- निरोगी राजस्थान
- दूसरा संकल्प - संपन्न किसान
- तीसरा संकल्प- महिला, बाल और वृद्ध कल्याण
- चौथा संकल्प - सक्षम मजदूर, छात्र, युवा, जवान
- पांचवां संकल्प - शिक्षा का परिधान
- छठा संकल्प - पानी, बिजली और हितों का मान
- सातवां संकल्प - कौशल एवं तकनीकी प्रधान
जानिए पिछले बजट 2019-20 में क्या था खास
गहलोत सरकार के पिछले साल यानी तीसरे कार्यकाल के पहले बजट 2019-2020 के बजट में मुख्यमंत्री गहलोत ने 11 नई योजनाओं की घोषणा की थीं. मुख्यमंत्री ने पिछली बार 2.32 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया था. 2.32 लाख करोड़ रुपए के बजट में किसान, युवा और महिलाओं पर फोकस सीएम का विशेष फोकस रहा था.
वहीं किसानों के लिए एक हजार करोड़ के कृषक कल्याण कोष की भी घोषणा की गई थी. महिलाओं की बात करें तो 1 हजार करोड़ रुपए का प्रियदर्शनी इंदिरा गांधी महिला शक्ति निधि फंड बनाया गया था.
प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की भी घोषणा की थी. युवाओं के लिए 75 हजार नौकरियां देने और युवा रोजगार योजना के लिए 5 साल में एक हजार करोड़ रुपए देने का वादा किया गया था. इसके साथ निशुल्क दवा योजना में 14 नई दवाएं शामिल करने और मोहल्लों में जनता क्लिनिक खोलने की घोषणा की थी.
बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, खेल, बिजली और कृषि क्षेत्र के लिए विशेष घोषणाएं की. गहलोत ने युवाओं और महिलाओं को भी खुश करने के पूरे प्रयास किए. पेश है बजट से जुड़ी रोचक जानकारी...
चिकित्सा:
- सवाई मानसिंह अस्पताल में बनेगा न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग. कोटेज के ऊपर आईपीडी टॉवर की भी घोषणा.
- अजमेर, जोधपुर में होम्योपैथिक महाविद्यालय खोलने की घोषणा.
- निरोगी राजस्थान के लिए 100 करोड़ के बजट की घोषणा. सभी जिलों को मिलेंगे 1-1 करोड़ रुपए.
- डिजिटल हेल्थ सर्वे की घोषणा. प्रदेशभर में अप्रैल से होगी शुरू.
- जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन और MRI की सुविधा मिलेगी.
- मथुरादास माथुर अस्पताल खुलेगा गेस्ट्रो विभाग.
- सहायक आचार्य के 4, जूनियर रेजिडेंट के 69 पद स्वीकृत.
- अब सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति का निजी अस्पताल को करना होगा उपचार.
- निजी अस्पतालों को अनिवार्य रूप से करना होगा घायलों का उपचार.
- अस्पताल द्वारा मनमानी करने पर होगी कड़ी कार्रवाई, आवश्यकता पड़ने पर कानूनन प्रावधान भी किया जाएगा.
- 5 हजार करोड़ की लागत से मेडकल कॉलेजों का किया जाएगा निर्माण. चार साल में पूरी होगी प्रक्रिया.
- राज्य के 150 चिकित्सा संस्थानों में 1000 बैड बढ़ाए जाने की व्यवस्था.