नई दिल्ली : भारतीय सेना सितंबर तक थिएटर कमांड के निर्माण से संबंधित 'निष्पादन योग्य' योजनाएं प्रस्तुत कर सकती है. जल, थल और वायु सेना थिएटर कमांड का हिस्सा होंगी.
आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इसके लिए तीन स्टार अधिकारी, जिनमें एक भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल, एक नौसेना के वाइस एडमिरल और एक वायुसेना के एयर मार्शल शामिल होंगे.
थिएटर कमांड्स का सबसे सही उपयोग युद्ध के दौरान तब होता है जब बात तीनों सेनाओं के बीच समन्वय की होती है. जानकारी के मुताबिक चीन से तनाव के बीच थिएटर कमांड बनाने की तैयारी तेज कर दी गई है.
एक अधिकारी ने इस पूरे विषय पर ईटीवी भारत को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर उत्पन्न तनाव के कारण थिएटर कमांड के निर्माण की प्रगति को प्रभावित किया है. अब इससे संबंधित निष्पादन योग्य योजनाएं सितंबर में प्रस्तुत किए जाने की संभावना है.
सेना की कार्यप्रणाली में होंगे व्यापक सुधार
बता दें कि रक्षा सेवाओं के प्रमुख (सीडीएस) के नव-सृजित पद की निगरानी के तहत भारतीय सेना को थिएटर कमांड आर्किटेक्चर के साथ बदलकर सेना की कार्यप्रणाली में व्यापक सुधार किए जाएंगे. यह वास्तव में एक ऐतिहासिक कार्य होगा. क्योंकि इससे सेना की कार्यप्रणाली का आधुनिकीकरण होने की संभावना प्रबल है.
थिएटर कमांड्स का सबसे सही उपयोग लड़ाई के मौके पर तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बनाए रखने के लिए बेहद उपयोगी सिद्ध होगा. यही कारण है कि सेना, वायुसेना और नौसेना को एक साथ लाकर इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड बनाने की बात हो रही है.
निर्दिष्ट क्षेत्र में एक एकल कमांडर सभी परिसंपत्तियों और संसाधनों को कमांड करेगा.
2015 के बाद से, चीन ने अपने सात सैन्य क्षेत्रों को पांच भौगोलिक-ऑपरेशनल थिएटर कमांड में लाकर पुनर्गठित किया है.