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उत्तराखंड : लिपुलेख सड़क पर भूस्खलन, सैनिकों ने भागकर बचाई जान - army jawan saves life

चीन, नेपाल और भारत के बीच विवाद का कारण बन रही सड़क पर भूस्खलन हो रहा है. सोमवार को सेना के जवानों ने भागकर अपनी जान बचाई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आठ मई को इस सड़क का उद्घाटन किया था. पढ़ें पूरी खबर...

लिपुलेख सड़क पर भूस्खलन
लिपुलेख सड़क पर भूस्खलन

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Published : Aug 11, 2020, 6:30 PM IST

देहरादून : बरसात में चीन बॉर्डर को जोड़ने वाली लिपुलेख सड़क ने बीआरओ के काम की पोल खोल कर रख दी है. इस अहम रोड में जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है. दोबाट और पांग्ला के बीच लगातार भूस्खलन से सेना के जवानों को लैंडस्लाइड जोन से भागकर अपनी जान बचानी पड़ी.

लिपुलेख सड़क पर भूस्खलन

इस सड़क पर सैकड़ों ऐसे स्पॉट हैं, जहां भारी बोल्डर गिर रहे हैं. सड़क की दुर्दशा से बॉर्डर पर बसे ग्रामीण तो संकट में हैं ही साथ ही सेना, आईटीबीपी और एसएसबी के जवानों की जिंदगी भी खतरे में पड़ रही है.

बरसात में चीन बॉर्डर को जोड़ने वाली लिपुलेख सड़क खतरे का सबब बनी हुई है. जगह-जगह भारी बोल्डर रोड में गिर रहे हैं. जिसके चलते बॉर्डर पर तैनात सेना के जवानों को भी जान हथेली पर रखकर जाना पड़ रहा है. दोबाट से पांगला के बीच सोमवार को सेना के जवानों की टुकड़ी गुजर रही थी. इसी दौरान पहाड़ी से भूस्खलन शुरू हो गया. जिसके बाद सेना के जवानों ने लैंडस्लाइड जोन से भागकर अपनी जान बचाई.

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बॉर्डर की लाइफलाइन कही जाने वाली यह सड़क लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ रही है. जिसके चलते बीआरओ की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

आपको बता दें कि इस रोड का आठ मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उद्घाटन किया था. मगर उद्घाटन के महज 3 महीने बाद ही यह सड़क बरसात में मौत को दावत दे रही है. इसी सड़क ने चीन, नेपाल और भारत के बीच खासा विवाद भी खड़ा किया हुआ है.

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