श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में हुई एक मुठभेड़ के मामले में सेना को 'प्रथम दृष्टया' साक्ष्य मिले हैं कि उसके जवानों ने सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) के तहत मिली शक्तियों का उल्लंघन किया है. इस संबंध में अब अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है.
इस मामले पर सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि इसकी जांच पूरी निष्पक्षता के साथ की जाएगी, जो तार्किक निष्कर्ष पर ले जाएगा. भारतीय सेना ऑपरेशन के पेशेवर आचरण के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि अशांत क्षेत्रों में कार्य करते समय स्थापित दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए भारतीय सेना में जीरो-टॉलरेंस है.
इस वर्ष जुलाई में यह मुठभेड़ हुई थी, जिसमें तीन लोग मारे गए थे. राजौरी जिले के इम्तियाज अहमद, अबरार अहमद और मोहम्मद इबरार को सुरक्षाबलों ने 18 जुलाई, 2020 को अम्सीपोरा गांव में एक ऑपरेशन के दौरान मार दिया था.
सुरक्षाबलों ने हालांकि दावा किया कि तीनों आतंकवादी थे, जिनसे मुठभेड़ के बाद हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया था. उनके रिश्तेदारों ने कहा कि वह शोपियां जिले में मजदूरों के तौर पर काम करने आए थे और आंतकवाद से उनका कोई लेना-देना नहीं था.