दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

शोपियां मुठभेड़ : सेना ने माना, जवानों ने किया निर्धारित नियमों का उल्लंघन

शोपियां मुठभेड़ में सेना को प्रथम दृष्टया साक्ष्य मिले हैं कि उसके जवानों ने सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) के तहत मिली शक्तियों का उल्लंघन किया है. इस संबंध में आरोपी जावनों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू हो गई है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

शोपियां मुठभेड़
शोपियां मुठभेड़

By

Published : Sep 18, 2020, 8:39 PM IST

Updated : Sep 18, 2020, 9:16 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में हुई एक मुठभेड़ के मामले में सेना को 'प्रथम दृष्टया' साक्ष्य मिले हैं कि उसके जवानों ने सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) के तहत मिली शक्तियों का उल्लंघन किया है. इस संबंध में अब अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है.

इस मामले पर सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि इसकी जांच पूरी निष्पक्षता के साथ की जाएगी, जो तार्किक निष्कर्ष पर ले जाएगा. भारतीय सेना ऑपरेशन के पेशेवर आचरण के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि अशांत क्षेत्रों में कार्य करते समय स्थापित दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए भारतीय सेना में जीरो-टॉलरेंस है.

इस वर्ष जुलाई में यह मुठभेड़ हुई थी, जिसमें तीन लोग मारे गए थे. राजौरी जिले के इम्तियाज अहमद, अबरार अहमद और मोहम्मद इबरार को सुरक्षाबलों ने 18 जुलाई, 2020 को अम्सीपोरा गांव में एक ऑपरेशन के दौरान मार दिया था.

सुरक्षाबलों ने हालांकि दावा किया कि तीनों आतंकवादी थे, जिनसे मुठभेड़ के बाद हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया था. उनके रिश्तेदारों ने कहा कि वह शोपियां जिले में मजदूरों के तौर पर काम करने आए थे और आंतकवाद से उनका कोई लेना-देना नहीं था.

पुलिस ने रिश्तेदारों की ओर से संदेह जताए जाने के बाद शिकायत दर्ज की है और मारे गए व्यक्तियों के डीएनए मिलान के लिए नमूने एकत्र किए हैं. अभी डीएनए रिपोर्ट आना बाकी है.

सेना की आंतरिक जांच, जिसके निष्कर्ष शुक्रवार को सार्वजनिक किए गए, उसमें कहा गया है कि जांच से कुछ निश्चित साक्ष्य सामने आए हैं, जो कि दर्शाते हैं कि अभियान के दौरान अफस्पा के तहत निहित शक्तियों का दुरुपयोग किया गया और उच्चतम न्यायालय द्वारा स्वीकृत सेना प्रमुख की ओर से निर्धारित नियमों का उल्लंघन किया गया है.

यह भी पढ़ें-जम्मू-कश्मीर : उपराज्यपाल से मिले रैना, खेलों को बढ़ावा देने पर चर्चा

प्रारंभिक जांच में सक्षम अनुशासनात्मक प्राधिकारी को प्रथम दृष्टया जवाबदेह पाए जाने वालों के खिलाफ सेना अधिनियम के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया गया है.

जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आतंकवाद या संबंधित गतिविधियों में तीन व्यक्तियों की कथित संलिप्तता की जांच पुलिस द्वारा की जा रही है. रिपोर्ट में यह बात भी कही गई है कि भारतीय सेना ऑपरेशन के नैतिक आचरण के लिए प्रतिबद्ध है.

Last Updated : Sep 18, 2020, 9:16 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details