नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून को लेकर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि आज सरकार ने जो कानून बनाया है, इसका वादा तो महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस ने ही पाकिस्तान में प्रताड़ना की जिंदगी गुजार रहे लोगों से किया था.
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि इस अधिनियम की नींव 1985 और 2003 में रखी गई थी, सरकार ने तो सिर्फ इसे कानूनी रूप दिया है.
आरिफ मोहम्मद खान का बयान. राज्यपाल ने आगे कहा, 'राष्ट्रीय पंजीकरण को 1985 की सरकार द्वारा शुरू किया गया और मैं उस सरकार का हिस्सा था.'
उन्होंने कहा कि 1985 में बनाए गए इस पंजीकरण को असम में लागू किया जाएगा, इसका फैसला 2003 में लिया गया. इसके बाद इसमें परिच्छेद 14 और उसके बाद उसको और मजबूत करने के लिए परिच्छेद 4 जोड़ा गया.
वहीं, उन्होंने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत द्वारा लिखे एक पत्र का उल्लेख करते हुए कहा, 'अशोक गहलोत ने तत्कालीन केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम को खत लिख कर कहा था कि पाकिस्तान से आए हिन्दू और सिख बेहद बुरे हालात में जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं, हमें इनको नागरिकता देने के लिए तुरंत कोई योजना बनानी चाहिए.'
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आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि अफगानिस्तान में पाकिस्तान ने तालिबान की सरकार बनाई थी. उस सरकार में केवल हिन्दू और सिख समुदाय ही नहीं बल्कि महिलाओं पर भी जुल्म हुआ.
उन्होंने कहा कि भारत ने पहले भी मुसलमानों को नागरिकता दी है. ये मुसलमान प्रताड़ना के कारण नहीं बल्कि आर्थिक कारणों की वजह से भारत आए.