जयपुर : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शनिवार को कहा कि संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) पूरी तरह से केंद्रीय सूची का विषय है और सभी राज्यों को इसे लागू करना ही पड़ेगा.
आरिफ मोहम्मद यहां कलाबोध रामायण महाभारत को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे. इस दौरान सीएए के विरोध के संदर्भ में उन्होंने आर्टिकल 254 का हवाला देते हुए कहा, 'यह विषय खालिस केंद्रीय सूची का है. इसलिए सभी राज्य सरकारों को इसे हर हाल में लागू करना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि हर किसी को लोकतंत्र में अपनी बात रखने का हक है. भारत में लोकतंत्र आजादी के बाद ही नहीं आया बल्कि भारत में आध्यात्मिक लोकतंत्र आजादी से पहले से है. इसी के चलते आज देश में लोकतंत्र इतना सर्वाइव कर रहा है.
आरिफ मोहम्मद ने कहा, 'लोग अपनी राय रखते हैं, उसका स्वागत है. हमें राय रखने का अधिकार है और विरोध करने का भी अधिकार है, लेकिन ये अधिकार नहीं है कि हम कानून की सीमाओं को तोड़ें. किसी का भी विरोध हो, उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है. लेकिन सीएए खालिस तौर पर केंद्रीय सूची का विषय है. ये राज्य का विषय नहीं है.'
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राज्यपाल ने कहा कि हर किसी को अपने अधिकार क्षेत्र को मानने की जरूरत है और इसे लागू करने के अलावा कानूनी तौर पर किसी के पास कोई चारा नहीं. देशभर में हो रहे विरोध को लेकर उन्होंने कहा कि पहली बार देश मे विरोध नहीं हो रहा, इससे पहले 1986 में भी, जब सुप्रीम कोर्ट का निर्णय बदला गया था, देश में विरोध प्रदर्शन हुए थे. ये इंसानी मिजाज है.