नई दिल्ली: अमेरिका ने भारतीय वायुसेना को पहला अपाचे गार्जियन हेलिकॉप्टर सौंप दिया है. दुनिया के सबसे आधुनिक और खतरनाक हेलिकॉप्टर में से एक AH-64E भारतीय वायुसेना की क्षमता में इजाफा हुआ है. बता दें, भारत अमेरिका से 22 अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदेगा.
इस दौरान एयर मार्शल एएस बुटोला ने भारतीय वायु सेना का प्रतिनिधित्व किया और बोइंग उत्पादन केंद्र में पहला अपाचे चोपर प्राप्त किया. अमेरिकी सरकार के प्रतिनिधि भी मौजूद थे.
अमेरिकी अधिकारियों के साथ भारतीय वायुसेना की टीम IAF ने 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों के लिए सितंबर 2015 में अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किया था. AH-64 ई (आई) हेलीकॉप्टर भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों के बेड़े में आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
इस साल जुलाई तक इन विमानों का पहला जत्था भारत भेजने का कार्यक्रम है. एयर क्रू और ग्राउंड क्रू ने अमेरिकी सेना के बेस फोर्ट अलबामा में प्रशिक्षण लिया.
इसे IAF की भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया गया है और पहाड़ी इलाकों में इसकी महत्वपूर्ण क्षमता होगी. अपाचे में सीमाओं पर सटीक हमले करने और जमीन से हवाई हमले करने की क्षमता है.
संबोधित करते भारतीय वायुसेना के अधिकारी इस आधुनिक चोपर की मदद से दुश्मन पर रात के अंधेरे में भी हमला किया जा सकता है. इसमें लेजर और नाइट विजन सिस्टम लगाया गया है. यह लड़ाकू विमान 300 किमी प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से उड़ सकता है.
अपाचे गार्जियन हेलिकॉप्टर इस चोपर स्ट्रिंगर मिसाइल और दोनों साइड 30 एमएम की गन लगी है. इन मिसाइलों में तीव्र विस्फोटक भरा होता है जिससे दुश्मन का बच पाना नामुमकिन है.
इसमें पायलट के लिए दो सीट बनाई गई हैं. चोपर का वजन 5 हजार किग्रा से भी ज्यादा है. इस हेलीकॉप्टर में ऑटोमैटिक एस230 चेन गन लगी है, जो दुशमन को टारगेट कर सकता है.
भारतीय वायुसेना के अधिकारी ने चोपर प्राप्त किया इस चोपर को जिस वजह से सबसे आधुनिक कहा जाता है वो इसके हेल्मेट माउंटेड डिस्प्ले, इटिग्रेटेड हेलमेट और डिस्प्ले साइटिंग सिस्टम फीचर हैं.
भारतीय वायुसेना में शामिल अपाचे गार्जियन हेलिकॉप्टर विशेषज्ञों की मानें तो अमेरिका ने इसी चोपर से 2011 में पाकिस्तान में जाकर अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को मारा था. इस चोपर का इस्तेमाल अमेरिका के अलावा इजराइल, नीदरलैंड, इजिप्ट जैंसे देश भी करते हैं.