हैदराबाद : एंटी मलेरिया माह हर साल जून के महीने में पूरे विश्व में मनाया जाता है. यह मानसून की शुरुआत से पहले मनाया जाता है और जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से किया जाता है. इसके तहत बड़े पैमाने पर मीडिया अभियानों और अंतर-व्यक्तिगत संचार (आईपीसी) के माध्यम से समुदाय की भागीदारी की शुरू होती है.
मलेरिया मानवता पर सामाजिक-आर्थिक बोझ डालता है और छह अन्य बीमारियों (दस्त, एचआईवी / एड्स, तपेदिक, खसरा, हेपेटाइटिस बी, और निमोनिया) के साथ वैश्विक संक्रामक रोग के 85% के लिए जिम्मेदार है. मलेरिया उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में 90 देशों और क्षेत्रों को प्रभावित करता है. इनमें से लगभग आधे अफ्रीका, दक्षिण में सहारा के हैं. दुनिया की आबादी का लगभग 36% हिस्सा मलेरिया के जोखिम से प्रभावित है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि 30 से 50 करोड़ मलेरिया के मामले सालाना होते हैं, जिसमें 90% अफ्रीका में होता है. इसके अलावा अनुमानित वार्षिक मृत्यु दर विश्व स्तर पर मलेरिया से सात लाख से 27 लाख तक है और उनमें से 75% अफ्रीकी बच्चे और गर्भवती माताएं हैं.