कोलकाता: नेताजी सुभाष चंद्र बोस के निधन से जुड़े विवाद के बीच उनकी पुत्री अनिता बोस फाफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की है. उन्होंने दावा किया कि पिछली सरकारों में कुछ खास लोग नहीं चाहते थे कि नेताजी के रहस्य से पर्दा उठे.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पुत्री अनिता बोस फाफ ने उनकी अस्थियों की डीएनए जांच की मांग की है.
माना जाता है कि जापान के रेनकोजी मंदिर में रखी अस्थियां नेताजी की हैं.
हालांकि अनीता बोस फाफ ने बहुचर्चित स्वतंत्रता सेनानी नेताजी की मृत्यु से जुड़े रहस्य को सुलझाने के प्रयासों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की सराहना की.
उन्होंने कहा कि वह भी इस धारणा को साझा करती हैं कि उनके पिता की मृत्यु 18 अगस्त 1945 को विमान दुर्घटना में हुई थी, अन्यथा कुछ और साबित नहीं हो जाता.
उन्होंने बताया कि रेनकोजी मंदिर में रखी अस्थियों के डीएनए परीक्षण की अनुमति देने के लिए अनुरोध करने की खातिर वह प्रधानमंत्री से और जापानी अधिकारियों से भी मिलना चाहेंगी.
दरअसल अनीता ने जर्मनी से टेलीफोन पर दिए साक्षात्कार में कहा, 'जब तक कुछ और साबित नहीं हो जाए, मुझे विश्वास है कि उनकी मृत्यु 18 अगस्त 1945 को विमान दुर्घटना में हुई, लेकिन बहुत लोग इसे नहीं मानते. मैं निश्चित रूप से चाहूंगी कि रहस्य सुलझ जाए.'
अनीता बोस फाफ ने कहा, 'मुझे लगता है कि रहस्य को सुलझाने का सबसे अच्छा तरीका जापान में मंदिर में रखी अस्थियों का डीएनए परीक्षण करना है. डीएनए परीक्षण से सच साबित हो जाएगा कि यह वास्तव में उनकी है या नहीं.'
बोस की पुत्री ने कहा कि वह केंद्र सरकार के पास रखी गई फाइलों को सार्वजनिक करके रहस्य को सुलझाने के प्रयासों को लेकर धन्यवाद देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से मिलना चाहुंगी.