नई दिल्ली :व्यापार की दृष्टि से अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह की भौगोलिक स्थिति को रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि यह क्षेत्र आने वाले दिनों में एक 'समुद्रतटीय और स्टार्टअप' केंद्र के रूप में उभरेगा.
चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर के बीच समुद्र के भीतर बिछायी गई केबल संपर्क सुविधा (ओएफसी) के उद्घाटन से एक दिन पहले इस केंद्रशासित प्रदेश के भाजपा कार्यकर्ताओं से संवाद में उन्होंने कहा कि इससे अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में इंटरनेट सुविधाओं में व्यापक स्तर पर सुधार होगा. उन्होंने कहा कि क्षेत्र को डिजिटल माध्यम से देश और दुनिया से जुड़ने में अब कोई समस्या नहीं आएगी. उन्होंने कहा कि यह द्वीपसमूह 'आत्मनिर्भर भारत' में प्रमुख भूमिका निभाएगा.
भाजपा ने प्रधानमंत्री के हाथों होने वाले इस उद्घाटन को अंडमान और निकाबार द्वीपसमूह के 10 अगस्त को 'डिजिटली स्वतंत्र' हो जाने के रूप में प्रस्तुत किया है.
केंद्रशासित प्रदेश के विकास के लिए केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए विभिन्न कदमों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि नए भारत के निर्माण के लिए पूरे देश का संतुलित विकास आवश्यक है और इसी को ध्यान में रखकर उनकी सरकार काम कर रही है.
मोदी ने यह भी कहा कि यह द्वीपसमूह आत्मनिर्भर भारत और नये भारत के विकास और उसकी सुरक्षा में प्रमुख भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा, 'नए भारत के निर्माण के लिए पूरे देश का संतुलित विकास आवश्यक है. हमने सुनिश्चित किया है कि सरकार भले ही एक जगह से काम करती हो लेकिन उसके कार्यों का लाभ देश के कोने-कोने तक पहुंचना चाहिए.' उन्होंने कहा कि सरकार के कार्यक्रमों का लाभ समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति ही नहीं, बल्कि देश के आखिरी छोर पर खड़े व्यक्ति को भी मिलना चाहिए.
उन्होंने कहा, 'एक तरफ हम गरीबों के घर, शौचालय, रसोई गैस, पीने का पानी, बिजली, मोबाइल, इंटरनेट, सड़क, रेल कनेक्टिविटी जैसी बहुत ही मूल ज़रूरतों को पूरा कर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ मेगा और आधुनिक परियोजनाओं पर भी तेज़ी से काम कर रहे हैं.'
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस अंडमान निकोबार द्वीप समुह ने भारत की आज़ादी के आंदोलन को ताकत दी उसकी आत्मनिर्भर भारत के लिए, नए भारत की रक्षा-सुरक्षा और समृद्धि के लिए भी व्यापक भूमिका है. उन्होंने कहा, 'इसी को समझते हुए 2017 में ही द्वीप समूह विकास एजेंसी का गठन किया गया था. ब्लू इकॉनमी के लिहाज़ से, व्यापार के लिहाज से अंडमान और निकोबार रणनीतिक ठिकाने पर स्थित है. यह चेन्नई बंदरगाह, कोलकाता बंदरगाह और बांग्लादेश के मोंगला बंदरगाह सहित कई बंदरगाहों से बहुत बराबरी की दूरी पर स्थित है.'
उन्होंने कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के 12 द्वीपों का चयन किया गया है जहां उच्च प्रभाव वाली परियोजनाओं का विस्तार किया जाएगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर के बीच समुद्र के भीतर बिछायी गई केबल संपर्क सुविधा (ओएफसी) से अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में मोबाइल और लैंडलाइन दूरसंचार सेवाएं बेहतर होंगी.
उन्होंने कहा, 'इंटरनेट कनेक्टिविटी में बहुत बड़ा सुधार हो जाएगा. नेटवर्क की समस्या की चर्चा बार-बार आती है उसका भी समाधान होगा. बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई-लिखाई सुविधा का ज्यादा से ज्यादा लाभ मिलना संभव हो पाएगा. पर्यटन और दूसरे कारोबार से जुड़े साथियों को भी देश और दुनिया से जुड़ने में अब कोई समस्या नहीं आएगी.'