दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

कमला हैरिस के गांव में दिवाली जैसा जश्न, मंदिरों में हुई पूजा

अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति बनने पर कमला हैरिस के पैतृक गांव तमिलनाडु के तिरुवरुर में खुशियां मनाई जा रही हैं. यहां के स्थानीय लोगों ने गांव के मंदिरों में पूजा की और लोगों को मिठाइयां बांटी.

Kamala Harris ancestral village in TN celebrates her victory
तमिलनाडु के तिरुवरुर में मनाई जा रही खुशियां

By

Published : Nov 8, 2020, 4:48 PM IST

तिरुवरुर :अमेरिका की पहली अश्वेत महिला उपराष्ट्रपति बनने पर कमला हैरिस के पैतृक घर तमिलनाडु के तिरुवरुर में खुशियां मनाई जा रही हैं. यहां के स्थानीय लोग मंदिरों में प्रार्थना कर रहे हैं और आतिशबाजी कर रहे हैं. इसके साथ-साथ यहां के लोग एक-दूसरे को मिठाई भी बांट रहे हैं. खुशियों के इस मौके पर बच्चे, बूढ़े और जवान सभी लोग शामिल हैं. जैसे ही गांव के लोगों को कमला हैरिस के उपराष्ट्रपति बनने की खबर मिली वैसे ही गांव के मंदिरों में पूजा-अर्चना शुरू हो गई. गांव के बच्चे और जवान कमला हैरिस के नाम की तख्ती लेकर गांव में जुलूस निकालने लगे.

देखें रिपोर्ट

हैरिस का भारत से रिश्ता

1. कमला हैरिसका जन्म कैलिफोर्निया के ओकलैंड में हुआ. उनकी मां दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु से थीं और पिता जमैका के हैं.

2. वह खुद को अश्वेत समझती हैं. हालांकि, वह अक्सर भारत से अपने रिश्तों पर बात करती हैं. जब वह युवा थीं, तो गर्मी की छुट्टियां बिताने अपने नाना के साथ चेन्नई आई थीं. उनके दादा भारत सरकार में नौकरशाह थे.

3. कमला हैरिस ने साल 2009 में एक इंटरव्यू में कहा था कि मेरे नाना भारत में प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे और बचपन से मेरी कुछ शौकीन यादें उनके साथ समुद्र तट पर घूमते हुए जुड़ी हैं. जब वह सेवानिवृत्त होने के बाद बेसेंट नगर (चेन्नई) में रहते थे. वह हर सुबह अपने दोस्तों के साथ समुद्र तट पर टहलते थे, जो सभी सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी थे और वे राजनीति के बारे में बात करते थे कि भ्रष्टाचार से कैसे लड़ा जाना चाहिए और न्याय के बारे में. वे हंसते थे और तर्क-वितर्क करते थे और उन वार्तालापों से यहां तक ​​कि उनके कार्यों से अधिक मुझ पर एक मजबूत प्रभाव पड़ा. मेरे अंदर जिम्मेदारी, ईमानदारी और सत्यनिष्ठा का भाव पैदा हुआ.

जीत की खबर मिलने के बाद मंदिर में हुई पूजा

4. हैरिस की मां श्यामला गोपालन स्तन कैंसर शोधार्थी थीं, जो 1960 यूसी बर्कले में एंडोक्रिनोलॉजी में पीएचडी करने के लिए अमेरिका आई थीं. जहां उनकी मुलाकात जमैका के डोनाल्ड हैरिस से हुई, जो अर्थशास्त्र की पढ़ाई कर रहे थे.

5. कमला की बहन माया हैरिस भी राजनीतिक कार्यकर्ता हैं और हिलेरी क्लिंटन के राष्ट्रपति अभियान में काम कर चुकी हैं.

6. दोनों बहनों की परवरिश मां ने की थी, क्योंकि जब कमला सात साल की थीं तब उनके माता-पिता अलग हो गए थे. 2009 में उनकी मां का निधन हो गया था.

जीत की खुशी में मिठाई बांटते लोग

हर पड़ाव पर कायम की मिसाल

भारतवंशी कमला देवी हैरिस ने अमेरिका की निर्वाचित उपराष्ट्रपति बनकर इतिहास रच दिया है. वह अमेरिका में इस पद के लिए निर्वाचित होने वाली पहली महिला हैं. यही नहीं, हैरिस देश की पहली भारतवंशी, अश्वेत और अफ्रीकी अमेरिकी उपराष्ट्रपति होंगी.

राष्ट्रपति चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवार रहे जो बाइडेन ने अगस्त में उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के रूप में हैरिस को चुना था. राष्ट्रपति पद के अपने सपनों को हैरिस ने चुनाव प्रचार के लिए वित्तीय संसाधनों के अभाव का हवाला देते हुए त्याग दिया था.

हैरिस ने कई मिसालें कायम की है. वह सैनफ्रांसिस्को की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी बनने वाली पहली महिला, पहली भारतवंशी और पहली अफ्रीकी अमेरिकी हैं.

ओबामा के कार्यकाल में वह 'फीमेल ओबामा' के नाम से लोकप्रिय थीं.

कमला ने अपनी आत्मकथा 'द ट्रुथ्स वी होल्ड' में लिखा है कि उनकी मां को पता था कि वह दो अश्वेत बेटियों का पालन पोषण कर रही हैं और उन्हें सदा अश्वेत के तौर पर ही देखा जाएगा, लेकिन उन्होंने अपनी बेटियों को ऐसे संस्कार दिए कि कैंसर अनुसंधानकर्ता और मानवाधिकार कार्यकर्ता श्यामला और उनकी दोनों बेटियों को 'श्यामला एंड द गर्ल्स' के नाम से जाना जाने लगा.

हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन के बाद हैरिस ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की. वह 2003 में सैन फ्रांसिस्को की शीर्ष अभियोजक बनीं. वह 2010 में कैलिफोर्निया की अटॉर्नी बनने वाली पहली महिला और पहली अश्वेत व्यक्ति थीं. हैरिस 2017 में कैलिफोर्निया से जूनियर अमेरिकी सीनेटर चुनी गईं.

कमला ने 2014 में जब अपने साथी वकील डगलस एम्पहॉफ से विवाह किया तो वह भारतीय, अफ्रीकी और अमेरिकी परंपरा के साथ साथ यहूदी परंपरा से भी जुड़ गईं.

हैरिस ने डेलावेयर के विलमिंग्टन में शनिवार रात को परिणामों की घोषणा के बाद देशवासियों को पहली बार संबोधित करते हुए कहा कि अब जब लोगों ने अगले चार साल के लिए जनादेश दिया है, तो अब असली काम शुरू होता है.

हैरिस ने कहा कि इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने किसे वोट दिया, मैं ऐसी उप राष्ट्रपति बनने की कोशिश करूंगी जैसे जो बाइडेन पूर्व राष्ट्रपति (बराक) ओबामा के लिए थे- वफादार, सत्यनिष्ठ और तैयार, रोज सुबह आपके और आपके परिवारों के बारे में सोचते हुए क्योंकि अब ही वास्तविक काम शुरू होना है. आपने अमेरिका के लिए नया दिन सुनिश्चित किया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details