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Published : Dec 9, 2020, 6:26 AM IST

Updated : Dec 9, 2020, 10:48 AM IST

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किसान नेताओं को मनाने में नाकाम रहे शाह, आज की बैठक अधर में

किसान नेताओं के साथ अमित शाह की बैठक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई. इसके बाद आज की बैठक पर सरकार की ओर से हालांकि आधिकारिक तौर पर कुछ कहा तो नहीं गया लेकिन शाह के साथ हुई बैठक के बाद कुछ किसान नेताओं ने कहा कि प्रस्तावित बैठक में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता.

किसान नेताओं को मनाने में नाकाम रहे शाह, आज की बैठक अधर में लटकी
किसान नेताओं को मनाने में नाकाम रहे शाह, आज की बैठक अधर में लटकी

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कुछ किसान नेताओं के बीच मंगलवार की रात हुई बैठक विफल रहने के बाद सरकार और किसान यूनियनों के बीच बुधवार को प्रस्तावित छठे दौर की वार्ता अधर में लटक गई है.

हालांकि, सरकार की ओर से बुधवार की वार्ता के संबंध में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है लेकिन शाह के साथ हुई बैठक के बाद कुछ किसान नेताओं ने कहा कि प्रस्तावित बैठक में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता. इन नेताओं ने कहा कि सरकार के लिखित प्रस्ताव पर विचार-विमर्श के बाद ही अगले कदम पर निर्णय लिया जाएगा.

हन्नान मोल्लाह ने बैठक को लेकर दी प्रतिक्रिया

महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा-

मंगलवार करीब आधी रात को समाप्त हुई बैठक के बाद अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा, 'अमित शाह ने कहा कि सरकार जिन संशोधनों के पक्ष में हैं उन्हें कल लिखित में देगी. हम लिखित संशोधनों को लेकर सभी 40 किसान यूनियनों से चर्चा करने के बाद बैठक में शामिल होने के बारे में फैसला लेंगे.'

साथ ही उन्होंने यह भी कहा, 'हम संशोधन नहीं चाहते। हम चाहते हैं कि इन कानूनों को निरस्त किया जाये। यहां बीच का कोई रास्ता नहीं है। हम कल की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे.'

मोल्लाह ने कहा कि बुधवार की दोपहर को सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं के साथ होने वाली बैठक में छठे दौर की वार्ता में शामिल होने को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

इससे पहले, 13 किसान नेताओं को शाह के साथ इस बैठक के लिए बुलाया गया था। बैठक रात आठ बजे आरंभ हुई. किसान नेताओं में आठ पंजाब से थे जबकि पांच देश भर के अन्य किसान संगठनों से जुड़े थे.

सरकार की ओर से प्रदर्शनकारी किसानों से जारी वार्ता का नेतृत्व करने वाले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश भी राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा में हुई बैठक में मौजूद रहे.

प्रदर्शन कर रहे किसानों का दावा है कि ये कानून उद्योग जगत को फायदा पहुंचाने के लिए लाए गए हैं और इनसे मंडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था खत्म हो जाएगी.

पढ़ें :सिंघु बॉर्डर पर कई किसान संगठनों की बैठक, आगे की रणनीति पर हुई चर्चा

वहीं, शाह के साथ हुई बैठक में शामिल रहे किसान नेता दर्शन पाल ने कहा, ' हमारी मांगों को लेकर केंद्र सरकार कल लिखित प्रस्ताव देगी .... केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच बुधवार को कोई बैठक नहीं होगी.'

इससे पहले, 13 किसान नेताओं को शाह के साथ इस बैठक के लिए बुलाया गया था. बैठक रात आठ बजे आरंभ हुई. किसान नेताओं में आठ पंजाब से थे जबकि पांच देश भर के अन्य किसान संगठनों से जुड़े थे.

Last Updated : Dec 9, 2020, 10:48 AM IST

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