नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह सात जून को बिहार विधानसभा चुनाव और आठ जून को बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए वर्चुअल रैली के माध्यम से शंखनाद करेंगे, जहां बिहार में वर्चुअल रैली के माध्यम से दक्षिण और उत्तर बिहार के लगभग एक लाख लोगों के साथ जुड़ेंगे. वहीं पश्चिम बंगाल में आठ जून को पश्चिम बंगाल में ऑनलाइन रैली के माध्यम से ममता बनर्जी के गढ़ में घर जाएंगे. जहां वह सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक साल के उपलब्धियों और कोरोना से निबटने के लिए केंद्र द्वारा उठाए गए कदमों से लोगों को अवगत कराएंगे.
कोरोना महामारी के बावजूद देश की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने अपनी राजनीतिक गतिविधियां शुरू कर दी है. हालांकि इसकी आलोचना दबी जुबान से विरोधी पार्टियों ने की मगर वर्चुअल माध्यम से बैठक और रैलियों की शुरुआत खासतौर पर उन राज्यों में हो रही है, जिनमें चुनाव है. इसकी पार्टी ने शुरुआत कर दी है और इस क्रम में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह अपनी रैलियों से कर रहे हैं. हालांकि बिहार में जेपी नड्डा जो वर्तमान अध्यक्ष हैं उनकी रैली भी प्रस्तावित है मगर नड्डा की रैली किस माध्यम से होगी और कितने तारीख को होगी इस तिथि की घोषणा भाजपा ने अभी नहीं की है.
भाजपा अध्यक्ष रहते हुए भी खासतौर पर पश्चिम बंगाल में गृह मंत्री पहले से ही काफी सक्रिय रहे हैं. इसलिए रैलियों की शुरुआत वर्तमान अध्यक्ष सेना होकर गृहमंत्री और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह से की जा रही है. हालांकि बिहार में चुनावी शंखनाद भाजपा कोरोना महामारी शुरू होने से पहले ही फूंक चुकी थी, लेकिन कोरोना के बाद इस पर एक ब्रेक लग गया था, जिसकी दोबारा शुरुआत अमित शाह ने की है.
मजदूरों के लिए गृह मंत्री के बयान का इंतजार
कोरोना महामारी के बीच ही अब पार्टी ने अपने सभी नेताओं से कह दिया है कि वह अपने संपर्क अभियान को और तेज करें. भले ही वह सोशल मीडिया या वर्चुअल माध्यम के द्वारा ही क्यों न हो. बिहार में अमित शाह सात जून को लगभग एक लाख लोगों को अपने वर्चुअल रैली के माध्यम से भाजपा की उपलब्धियां गिनाएंगे और पार्टी के इरादे से लोगों को अवगत कराएंगे. इसके साथ ही कोरोना महामारी के दौरान और उससे पहले की केंद्र सरकार की उपलब्धियां डिजिटल माध्यम से गिनाएंगे. वही इस रैली में अमित शाह पलायन कर गए मजदूरों के लिए क्या कहते हैं. यह भी अपने आप में महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि आंकड़े बताते हैं कि पलायन करने वाले मजदूर सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश और बिहार हैं.
आठ जून को शाह करेंगे बंगाल रैली
पश्चिम बंगाल की रैली के बारे में अगर कहे तो पश्चिम बंगाल पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के लिए सम्मान की लड़ाई बन चुकी है. वर्चुअल रैली के माध्यम से एक बार फिर पश्चिम बंगाल की जनता को अमित शाह केंद्र सरकार की उपलब्धियां और राज्य सरकार की नाकामियां एक बार फिर गिनाने के लिए कमर कस चुके हैं. हालांकि सोशल मीडिया पर यह एक अभियान की तरह शुरू किया जाएगा. यह पांच दिन का अभियान होगा, जिसकी शुरुआत आठ जून को अमित शाह बंगाल रैली से करेंगे. इससे पहले अमित शाह ने एक मार्च को सीएए के समर्थन में बंगाल में रैली की थी.
सूत्रों की माने तो इस रैली में भाजपा की राज्य इकाई कोरोना से लड़ाई में और चक्रवात तूफान के दोहरे संकट से निबटने में सत्तारूढ़ तृणमूल पार्टी किस तरह से नाकाम रही है इस बात को ज्यादा प्रचारित प्रसारित करेंगे.
इस बारे में भाजपा के पश्चिम बंगाल से सांसद जगन्नाथ सरकार ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि अमित शाह हमारे अभिभावक है और घर के बड़े व्यक्ति का ही अधिकार होता है कि वह समय-समय पर हमारा मार्गदर्शन करते रहे. अमित शाह की आखिरी रैली बंगाल में एक मार्च को हुई थी. तब से अब तक प्रदेश की जनता कई बार सुनने का अवसर चाहती थी, जो अब जाकर मिलेगा. टीएमसी के कार्यकर्ता मोबाइल में गेम खेलते हैं. उन की मुखिया ममता बनर्जी लोगों के साथ गेम खेल रही हैं. प्रदेश स्थान को रोना जैसी मुसीबतों से जूझ रहा है. केंद्र की मदद पर टीएमसी का लेवल लगातार लगाकर आगे सप्लाई किया जा रहा है. मैंने खुद बंगाल में एक राशन घोटाला पकड़ा जिससे परेशान होकर टीएमसी ने मुझ पर झूठे केस दर्ज करा दिए. हम अपनी इस वर्चुअल रैली में प्रदेश की जनता को बताएंगे कि कैसे हमारे कार्यकर्ताओं को मुसीबत के समय में काम नहीं करने दिया जा रहा है. कैसे केंद्र की मदद का टीएमसी के लोग आपस में ही बंदरबांट कर रहे हैं और कैसे ममता बनर्जी ने मुसीबत के समय प्रदेश के लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया है आज जरूरत है कि बंगाल के लोगों को यह पता चले कि कैसे केंद्र की मदद पर टीएमसी अपना लेवल चिपकाकर खुद का लेवल गिरा रही है.'
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ऐसे मुद्दे पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय सोनकर शास्त्री ने कहा कि देश के गृहमंत्री कि यह निर्णायक रैली होगी. पहले रैली आठ जून को बिहार में होगी और दूसरी रैली पश्चिम बंगाल में होगी वैसे भी पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी के लिए इज्जत का सवाल है. इस बार वहां पर परिवर्तन होगा, क्योंकि ममता सरकार से पूरा प्रदेश त्रस्त हो गया है और बंगाल की जनता उससे निजात पाना चाहती है. अव्यवस्था के हवाले जो वहां पर व्यवस्था है, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती. इसलिए भारतीय जनता पार्टी वहां अवश्य कामयाब होगी और 2021 में भाजपा पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को हटाकर राज्य में सत्ता स्थापित करेगी. प्रदेश का यह हक है कि वहां अच्छा शासन मिले और प्रदेश की जनता का विकास हो. इसी तरह सात जून को जो बिहार में रैली होगी. हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सबसे बिहार का ही दौरा किया था और अब अमित शाह जी रैली कर रहे इन दोनों रैलियों को वर्चुअल रैली के माध्यम से अपनी शादी संबोधित करेंगे और इसका एक अच्छा प्रभाव दोनों प्रदेशों पर दिखाई पड़ेगा और दोनों प्रदेशों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार सुनिश्चित है.