कोलकाता: गृह मंत्री का पदभार संभालने के बादअमित शाहआजपहली बार पश्चिम बंगाल पहुंचे. अमित शाह ने कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लेकर बंगाल के लोगों को गुमराह किया गया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सभी लोगों के साथ न्याय हो, ये सुनिश्चित करेगी.
बंगाल और अनुच्छेद 370 बहुत समय में बहुत पीछे चले गए क्योंकि बंगाल से बाहर निकलते हुए श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने इसके खिलाफ पहला युद्ध छेड़ा, और इस अनुच्छेद को निरस्त करने के लिए अपनी जान दे दी.
लोगों को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि इसी बंगाल के सपूत डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने नारा लगाया था कि एक देश में दो प्रधान, दो विधान और दो संविधान नहीं चलेंगे. भारत मां के इस महान सपूत को गिरफ्तार किया गया था और रहस्यमय तरीके से उनकी मृत्यु हो गई.
बकौल अमित शाह, श्यामा प्रसाद जी की शहादत के बाद कांग्रेस को लगा कि मामला अब समाप्त हो गया, लेकिन उन्हें पता नहीं कि हम भाजपा वाले हैं किसी चीज को पकड़ते हैं तो फिर उसे छोड़ते नहीं हैं,
शाह ने कहा कि आपने इस बार भाजपा सरकार बनाई और हमने एक ही झटके में 370 को उखाड़कर फेंक दिया. 73 साल बाद बंगाल में हमने 18 सीटें हासिल की और पीएम मोदी ने अनुच्छेद 370 और 35 A को संसद के पहले सत्र मे ही खत्म कर दिया.
अमित शाह ने कहा, कुछ लोग कहते हैं कि हम बंगाल में बाहरी लोग हैं. मैं ऐसे लोगों को बताना चाहता हूं जो इतिहास पढ़ते हैं. विभाजन के दौरान पूरा बंगाल पाकिस्तान जाने वाला था. तब, यह हमारे नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे, जिन्होंने पश्चिम बंगाल का विद्रोह किया था.
बिंदुवार पढ़ें अमित शाह की बातें
मैं टीएमसी के नेताओं से पूछना चाहता हूं कि अनुच्छेद 370 के हनन के लिए वे मतदान कहां कर रहे थे. बंगाल के लोगों को यह सवाल टीएमसी के नेतृत्व से पूछना चाहिए.
हम मानते हैं कि अनुच्छेद 370 को हटाकर हमने कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बना दिया है और पीएम मोदी ने श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि दी.