मुंबई : नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) को लेकर बढ़ते विरोध के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस बात पर बल दिया कि इसके क्रियान्वयन से पीछे हटने का सवाल ही नहीं है. उन्होंने विपक्ष पर इस 'कानून को लेकर झूठा प्रचार अभियान' में शामिल होने का आरोप लगाया.
शाह ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह संशोधित नागरिकता अधिनियम को लेकर 'झूठा' अभियान चला रहा है और हिंदू-मुसलमानों के बीच खाई पैदा कर रहा है.
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और विपक्षी दलों के नेताओं को चुनौती दी कि वह बयान जारी करें कि वह चाहते हैं कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के सभी मुसलमानों को भारत की नागरिकता दी जाए.
झारखंड में मंगलवार को एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 'कांग्रेस और उसके दोस्तों' के सामने ऐसी ही चुनौती रखी.
शाह ने कहा कि CAA में अल्पसंख्यकों के खिलाफ कुछ भी नहीं है. इसे पिछले हफ्ते संसद में पारित किया गया और राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है. उन्होंने कहा कि यह किसी की नागरिकता नहीं छीनता.
ये भी पढ़ें :CAA विरोध : जामिया हिंसा मामले में छह आरोपी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए
प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस के पाले में गेंद डालते हुए शाह ने कहा कि 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा असम समझौते पर हस्ताक्षर किये जाने की वजह से इस प्रावधान का सूत्रपात राष्ट्रीय पार्टी द्वारा ही हुआ था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने CAA की नींव रखी थी.
नई दिल्ली में विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर उनसे केंद्रीय विश्वविद्यालयों में हो रही हिंसा में हस्तक्षेप का अनुरोध किया और मोदी सरकार से 'असंवैधानिक व विभाजक' नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने की मांग की. उन्होंने इन कानून के बनने के बाद हुए हिंसक प्रदर्शनों और उसके बाद हुई पुलिस कार्रवाई पर एक जांच आयोग बनाने की भी मांग की.
विपक्ष लगातार इस कानून को 'असंवैधानिक और विभाजनकारी' बताकर इसे वापस लेने की मांग कर रहा है. विपक्ष की मांग के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा, 'पार्टी और सरकार इसे (CAA) लेकर दृढ़ हैं. नागरिकता कानून पर पीछे नहीं हटेंगे. सरकार इसके क्रियान्वयन के लिए चट्टान की तरह दृढ़ प्रतिज्ञ है.'
शाह ने इस बात पर भी भरोसा व्यक्त किया कि संशोधित नागरिकता अधिनियम कानूनी समीक्षा में खरा उतरेगा. उन्होंने कहा, 'हम शीर्ष अदालत में निश्चित तौर पर इसका बचाव करने में सक्षम होंगे. यह अधिनियम न्यायपालिका की जांच में टिका रहेगा.'
उन्होंने कहा, 'मैं यह नहीं समझ पा रहा कि CAA में अल्पसंख्यकों, खासकर मुसलमानों के हितों के खिलाफ क्या है?' शाह ने कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दलों और आम आदमी पार्टी पर नए नागरिकता कानून के खिलाफ 'झूठा' प्रचार अभियान चलाने का आरोप लगाया.
ये भी पढ़ें :CAA के खिलाफ विपक्षी दलों के नेता एकजुट, राष्ट्रपति कोविंद को सौंपा ज्ञापन