जबलपुर : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'मैं ममता बनर्जी और राहुल बाबा को चुनौती देता हूं, कि नागरिकता संशोधन कानून का एक भी प्रावधान ऐसा दिखाएं, जो इस देश में रहने वाले किसी की भी नागरिकता छीन सकता है.'
शाह ने रविवार को यहां आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि विपक्ष में बैठे लोग सीएए को लेकर भ्रम फैला रहे हैं. उन्होंने कहा कि आस-पास के देशों में अल्पसंख्यकों का भारत स्वागत करेगा और उन्हें नागरिकता देगा.
गृह मंत्री ने कहा कि बीजेपी जागरूकता अभियान चला रही है और ये इसलिए चलाना पड़ रहा है कि कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, ममता बनर्जी की पार्टी देश को गुमराह कर रहे हैं.
शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए कहा कि NRC और CAA लोगों की नागरिकता छीनेगा नहीं, बल्कि उन्हें नागरिकता देगा.
उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर कांग्रेस ने भारत का बंटवारा किया था और देश को दो दुकड़ों में बांटा था. उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी और ममता बनर्जी को चैलेंज देता हूं कि वो ये बताएं कि इस कानून में कहां नागरिकता छीनने का जिक्र है. बंगाल में ममता वोट की खातिर राजनीति कर रही हैं. ये केजरीवाल और ममता बनर्जी कितने झूठे हैं, जनता को बता रहे हैं. कांग्रेस ने देश की जनता को उकसा कर दंगा करा दिया.'
शाह ने राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा और ममता बनर्जी पर सीएए के मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया. शाह ने कहा, 'महात्मा गांधी ने कहा था कि जो हिन्दू पाकिस्तान में रह गए हैं, वे जब चाहे, भारत आ सकते हैं. यही बात जवाहर लाल नेहरू ने भी कही थी. आज हमने कानून बनाया, तो राहुल, सोनिया समेत पूरा विपक्ष हमारा विरोध कर रहा है.'
गृह मंत्री का ये भी कहना है कि कांगेस पहले कहती थी कि पाकिस्तान या बांग्लादेश में जो भी हिन्दू, मुस्लिम या सिख प्रताड़ित होगा और भारत आना चाहेगा, उसका स्वागत होगा, पर अब वो इसका विरोध कर रही है. आखिर में शाह ने कहा, 'मैं डंके की चोट पर सब लोगों के सामने कहता हूं कि कांग्रेस वालों, कान खोलकर सुन लो, जितना विरोध करना है करो, हम सारे लोगों को नागरिकता देकर ही दम लेंगे, हमें कोई नहीं रोक सकता.'
सिलसिलेवार तरीके से पढ़िए जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने क्या कुछ कहा-
देश के अल्पसंख्यकों को उकसाया जा रहा है कि आपकी नागरिकता चली जाएगी. मैं देश के अल्पसंख्यक भाइयों-बहनों से कहने आया हूं कि CAA को पढ़ लें, इसमें कहीं पर भी किसी की भी नागरिकता जाने का कोई प्रावधान नहीं है.