नई दिल्ली: पद संभालते ही गृह मंत्री अमित शाह एक्शन मोड में दिखाई दे रहे हैं. जम्मू-कश्मीर पर उनकी सक्रियता किसी बड़ी योजना की ओर इशारा है. खबरों के अनुसार सरकार यहां पर नए परिसीमन आयोग के गठन पर विचार कर रही है. घाटी के इलाकों में अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए सीटें आरक्षित हो सकती हैं. अभी सिर्फ 7 सीटें जम्मू इलाके में आरक्षित है.
आखिरी बार कश्मीर में 1995 में परिसीमन हुआ था. शाह ने गृह सचिव राजीव गौबा, एडिशनल सचिव ग्यानेश कुमार समेत कई अफसरों के साथ कश्मीर मुद्दे को लेकर बैठक की. गृह मंत्री पहले ही राज्यपाल सत्यपाल मलिक के साथ कश्मीर मामले को लेकर बैठक कर चुके हैं.
दरअसल, केंद्र सरकार एससी और एसटी समुदाय के लिए सीटों के आरक्षण की नई व्यवस्था लागू करने के लिए यहां परिसीमन करना चाहती है.
बता दें, पिछली बार राज्य में राज्यपाल जगमोहन के आदेश पर 1995 में परिसीमन हुआ था. तब जम्मू-कश्मीर को 87 विधानसभा क्षेत्रों में विभाजित किया गया था. फिलहाल कश्मीर से 46, जम्मू से 37 और लद्दाख से 4 विधानसभा सीटें हैं. जम्मू संभाग में 7 सीटें एससी के लिए रिजर्व हैं, इनका भी रोटेशन नहीं हुआ है.