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जम्मू कश्मीर में आतंकवाद और सामाजिक अन्याय के लिए सिर्फ अनुच्छेद 370 जिम्मेदार : शाह

गृह मंत्री ने जम्मू कश्मीर में आतंकवाद और सभी प्रकार के सामाजिक अन्याय के लिये सिर्फ अनुच्छेद 370 को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि इसके हटने पर राज्य में विकास, अन्याय और आतंकवादी हिंसा सहित सभी प्रकार की बाधायें दूर हो जायेंगी.

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Published : Aug 5, 2019, 9:24 PM IST

Updated : Aug 6, 2019, 3:14 AM IST

संसद में बोलते अमित शाह

नई दिल्ली: संविधान के अनुच्छेद 370 को जम्मू कश्मीर में आतंकवाद सहित वहां की तमाम समस्याओं की जड़ करार दिया है. उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में आश्वासन दिया कि स्थिति सामान्य होते ही उसका राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जायेगा.

शाह ने राज्यसभा में जम्मू कश्मीर से संविधान का अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को हटाने संबंधित दो संकल्पों, जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक एवं राज्य में आरक्षण के प्रावधानों के लिए लाये गये विधेयक पर चर्चा हुई. चर्चा का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 के समाप्त होने से जम्मू कश्मीर में लंबे रक्तपात के युग का अंत होगा.

संसद में बोलते अमित शाह

शाह ने जम्मू कश्मीर से राज्य का दर्जा लिये जाने पर नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद चिंता जताई. उन्होंने कहा कि जैसे ही स्थिति सामान्य होगी और उचित समय आयेगा, हम जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा दे देंगे.

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर देश का मुकुट मणि है और बना रहेगा.

गृह मंत्री ने जम्मू कश्मीर में आतंकवाद और सभी प्रकार के सामाजिक अन्याय के लिये सिर्फ अनुच्छेद 370 को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि इसके हटने पर राज्य में विकास, अन्याय और आतंकवादी हिंसा सहित सभी प्रकार की बाधायें दूर हो जायेंगी.

शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पिछले 70 सालों में 41,849 स्थानीय लोग आतंकवाद के रक्तपात की भेंट चढ़े. उन्होंने अनुच्छेद 370 के विरोध में शहादत देने वाले उनकी पार्टी के पहले अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुखर्जी तथा रक्तपात की भेंट चढ़े हजारों लोगों को याद करते हुये कहा कि अगर यह प्रावधान न होता तो इन लोगों की जान न जाती.

संसद में बोलते अमित शाह

शाह ने देश के विभाजन के बाद पाकिस्तान से आये शरणार्थियों के साथ अब तक हो रहे अन्याय का जिक्र करते हुए कहा कि महज अनुच्छेद 370 के कारण इन शरणार्थियों को नागरिक अधिकारों से वंचित रखा गया.

उन्होंने जम्मू कश्मीर में भ्रष्टाचार एवं गरीबी बढ़ने और लोकतंत्र नहीं पनप पाने के पीछे भी अनुच्छेद 370 को जिम्मेदार ठहराया.

शाह ने कहा कि पाकिस्तान से आये शरणार्थियों में से दो लोग (इंद्रकुमार गुजराल और डा. मनमोहन सिंह) देश के प्रधानमंत्री बन गये लेकिन कोई शरणार्थी जम्मू कश्मीर में सभासद तक नहीं बन सका। इसकी वजह सिर्फ अनुच्छेद 370 था.

उन्होंने कहा कि इस प्रावधान से सिर्फ तीन परिवारों का भला हुआ. इतना ही नहीं राज्य में पर्यटन सहित अन्य क्षेत्र में कारोबार भी इन्हीं तीन परिवारों के इर्दगिर्द ही सीमित रहा. इसके कारण न तो युवाओं को रोजगार मिला, न ही उद्यमशील बनने के अवसर मिल सके. नतीजतन राज्य की जनता को मंहगाई का भी दंश झेलना पड़ रहा है. इन सभी समस्याओं का मुख्य कारण अनुच्छेद 370 और 35 ए है.

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अनुच्छेद 370 से जम्मू कश्मीर की संस्कृति का संरक्षण होने की विपक्ष की दलील को खारिज करते हुये उन्होंने कहा, संस्कृति की बात करने वालों को सोचना चाहिए कि क्या भारत में महाराष्ट्र या गुजरात की संस्कृति नहीं बच पाई.

गृह मंत्री ने केन्द्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में अन्य राज्यों की तुलना में अधिक राशि देने के बावजूद वहां की दयनीय स्थिति के लिये भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अन्य राज्यों में प्रति व्यक्ति 3681 रूपये खर्च किये जा रहे हैं जबकि जम्मू कश्मीर में यह राशि 14221 रूपये है, फिर भी राज्य में विकास नहीं है और लोगों में गरीबी है.

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35 ए हटने से जम्मू कश्मीर का भला होने वाला है और अब सही मायनों में यह राज्य भारत का अभिन्न अंग बनने जा रहा है.

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उन्होंने कहा कि यह (अनुच्छेद) मेंटल बैरियर (मानसिक अवरोध) और वोट बैंक की राजनीति है. उन्होंने कहा कि यह महिला, दलित और पिछड़े, दलित एवं आदिवासी विरोधी है. इसीलिए (बसपा प्रमुख) बहन मायावती ने इस कदम का समर्थन किया है.

शाह ने कहा कि प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने खुद कहा था कि अनुच्छेद 370 धीरे-धीरे घिसते-घिसते घिस जाएगा.

सब मानते हैं कि यह एक अस्थायी प्रावधान है लेकिन समझ नहीं आता कि इसे 70 साल से जतन के साथ संभाल कर क्यों रखा गया?.

उन्होंने कहा कि 1950 से उनकी पार्टी के हर घोषणापत्र में कहा गया कि धारा 370 जम्मू कश्मीर के हित में नहीं है. इसे निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाजवादी चिंतक राममनोहर लोहिया ने भी कहा था कि जब तक धारा 370 है, जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग नहीं बन सकता है.

उन्होंने सदन से संकल्प और विधेयक को मंजूरी देने की अपील करते हुये कहा, हम 70 साल तक अनुच्छेद 370 के साथ जिए. हमें पांच साल दो हम जम्मू कश्मीर को देश का सबसे विकसित राज्य बना कर दिखाएंगे.

उन्होंने कहा कि राज्य की समस्या के स्थायी समाधान में समय जरूर लगेगा लेकिन हमारी नजर में इसका रास्ता एक ही है और वह है अनुच्छेद 370 से जम्मू कश्मीर को मुक्ति दिलाना.

Last Updated : Aug 6, 2019, 3:14 AM IST

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