नई दिल्ली : बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में गठित ड्रॉफ्ट कमिटी ने भारत की जनता के लिए जो संविधान बनाया था, उसे 26 जनवरी1950 को लागू किया गया था. तब से आज तक संविधान में कुल 103 बार संशोधन किया जा चुका है.
संविधान में पहला संशोधन1951 में देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू के कार्यकाल में किया गया, जबकि इंदिरा गांधी के दौर में संविधान में सबसे अधिक संशोधन किए गए.
आइए, एक नजर डालते हैं कि भारतीय संविधान को किस प्रधानमंत्री के कार्यकाल में कितनी बार संशोधित किया गया :-
भारत के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने 1947 से लेकर 1964 तक अपने कार्यकाल में17 बार संविधान संशोधन किया. नेहरू के शासन में पहली बार 1951 में संविधान संशोधित किया गया. वह भारत के इतिहास में सबसे लम्बी अवधि तक पीएम पद पर रहे.
पं. नेहरू के बाद करीब दो साल के शासनकाल में लाल बहादुर शास्त्री ने तीन बार संविधान में संशोधन किया.
इंदिरा गांधी के दौर में करीब 22 मर्तबा संविधान में संशोधन किया गया. वह 1967 से लेकर 1976 तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं.
इंदिरा गांधी के बाद पीएम पद का भार संभालने वाले मोरार जी देसाई ने अपने कार्यकाल में दो बार संविधान को संशोधित किया.
मोरार जी देसाई के बाद इंदिरा गांधी एक बार फिर सत्ता में लौटीं और इस बार 1980 से 1984 तक उन्होंने सात बार संविधान में संशोधन किया.
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद प्रधानमंत्री पद संभालने वाले उनके पुत्र राजीव गांधी ने 1984 से लेकर 1989 तक सत्ता संभाली. इस दौरान उन्होंने 10 बार संविधान में संशोधन किया.
राजीव गांधी के बाद वी.पी. सिंह भारत के प्रधानमंत्री बने. वह 1990 से 1991 तक इस पद रहे और अपने कार्यकाल में उन्होंने सात बार संविधान में संशोधन किया. वी.पी. सिंह के बाद पी वी नरसिम्हा राव भारत के प्रधानमंत्री बने. उनके कार्यकाल में 10 बार संविधान में संशोधन किया गया.
राव के बाद भारत की सत्ता की चाबी अटल बिहारी वाजपेयी के हाथ लगी, उन्होंने सन् 2000 से लेकर 2004 तक अपने पांच साल के कार्यकाल में 14 बार संविधान में संशोधन किया.
अटल बिहारी वाजपेयी के बाद 2004 में मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, और 2014 तक करीब दस साल तक देश के प्रधानमंत्री रहे. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने छह बार संविधान में संशोधन किया.
वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और अब तक उनके छह साल के कार्यकाल में पांच बार संविधान में संशोधन किया जा चुका है.