हैदराबाद : तांबा सबसे पुरानी धातु माना जाता है, जिसमें रोगाणुरोधी गुण होते हैं. यही कारण है कि बड़े-बूढ़े भी इसे इस्तेमाल करने का सुझाव देते रहे हैं. आमतौर पर तांबे का सेवन हम खाने या पानी के बर्तनों के जरिये करते हैं. इसके अलावा काजू, सूखे मेवे, काली मिर्च और खमीर में यह प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. तांबा प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती देने और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने की ताकत रखता है.
तांबे का फायदा उठाने का सबसे आसान तरीका है इसकी अंगूठी. कई लोग इसे धार्मिक दृष्टिकोण से देखते हैं, तो कई वैज्ञानिक. जो भी हो, तांबा वाकई में है बहुत फायदेमंद.
आइए जानते हैं तांबे के कुछ फायदे, जो सभी को पता होने चाहिए..
स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली : इसमें खून को साफ करने की क्षमता होती है. इसके साथ ही यह शरीर में रक्त के संचार को बढ़ाने में मदद करता है. यह अन्य धातुओं के हानिकारक प्रभावों से भी बचाता है.
हृदय को पुष्ट करता है :यह हमारे दिल को स्वस्थ रखता है. साथ ही दिल के दौरे और दिल से संबंधित अन्य समस्याओं से बचाता है.
ब्लड प्रेशर को संतुलित रखता है : इसमें ब्लड प्रेशर को संतुलित बनाए रखने की क्षमता होती है. यही कारण है कि ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए यह वरदान साबित हो सकता है.
हृदय स्वास्थ्य में सुधार :यह शरीर में कोलेजन, इलास्टिन और तंतुओं में सुधार करता है और धमनियों को भी स्वस्थ रखता है.
हड्डियों को मजबूत बनाता है : इसमें जोड़ों के दर्द के साथ-साथ गठिया को ठीक करने की क्षमता होती है. यह हड्डियों को स्वस्थ रखता है और मजबूत करता है. साथ ही हड्डियों से संबंधित बीमारियों जैसे ऑस्टियोआर्थराइटिस और रुमेटीइड गठिया को ठीक करता है.
एंटी-एजिंग प्रभाव : यह एंटी-एजिंग की प्रक्रिया में सहायक है. यह लोचदार फाइबर और कोलेजन के घनत्व में सुधार करता है जो त्वचा और बालों के कायाकल्प में मदद करता है.
ज्योतिषीय और आध्यात्मिक लाभ : यह क्रोध और चिंता जैसी सभी नकारात्मक भावनाओं को दूर रखने में मदद करता है. इसका मन और आत्मा पर आध्यात्मिक प्रभाव पड़ता है. तांबे की अंगूठी पहनने से हमारे व्यक्तित्व में आध्यात्मिक सुधार हो सकता है.
आपको बता दें कि साउथेम्प्टोम विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में किए गए शोध में पाया गया है कि तांबा ऐसे वायरस के प्रसार को रोकने में प्रभावी हो सकता है, जो श्वसन तंत्र के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकता है और जो सेवर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) और मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS) से जुड़े होते हैं.