देहरादून :जोशीमठ एक धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक महत्व का शहर है और यहीं आदिगुरु शंकराचार्य ने कई वर्षों तक तपस्या की थी. इस दौरान दिव्य अखंड ज्योति के दर्शन किए. यहीं ज्योतिर्पीठ में स्थित है अमर कल्पवृक्ष. जो करीब 2500 साल से ज्यादा पुराना है. इस चमत्कारिक अमर कल्पवृक्ष के सामने विज्ञान भी नतमस्तक है. आखिर 15 से 20 साल औसत आयु का कल्पवृक्ष (शहतूत का वृक्ष) कैसे 2500 साल से हरा भरा खड़ा है. यह वैज्ञानिकों को भी हैरत में डाल देता है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी वृक्ष के नीचे भगवान शिव के अवतार कहे जाने वाले आदिगुरु शंकराचार्य ने 5 साल तपस्या कर दिव्य अमर ज्योति का ज्ञान प्राप्त किया था. साथ ही उन्होंने इसी वृक्ष के नीचे स्थित गुफा में शांकरभाष्य सहित दर्जनों धार्मिक ग्रंथों की रचना की.