दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में गौ हत्या निषेध कानून के दुरुपयोग पर जताई चिंता - cow slaughter ban law in Uttar Pradesh

आरोपी के खिलाफ शामली के भवन थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. लेकिन आरोपी मौके से गिरफ्तार नहीं हुआ था. आरोपी पांच अगस्त 2020 से जेल में बंद है.

cow slaughter ban
गौ हत्या निषेध कानून

By

Published : Oct 27, 2020, 11:19 AM IST

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश में गौ हत्या कानून के लगातार दुरुपयोग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चिंता जताई है. इसके साथ ही कोर्ट ने गौ हत्या और गौ मांस की ब्रिकी के आरोपी की जमानत को मंजूरी दे दी. कोर्ट ने आरोपी रहमू उर्फ रहमुद्दीन को सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने प्रदेश में गोहत्या निषेध कानून के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए रहमू और रहमुद्दीन नाम के दो व्यक्तियों को जमानत दे दी. ये दोनों व्यक्ति कथित तौर पर गोहत्या में शामिल थे. याचिकाकर्ता की दलील थी कि प्राथमिकी में उसके खिलाफ कोई विशेष आरोप नहीं हैं और उसे घटनास्थल से गिरफ्तार नहीं किया गया.

इसके अलावा, बरामद किया गया मांस गाय का था या नहीं, इसकी पुलिस द्वारा जांच भी नहीं की गई. संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कहा कि इस कानून का निर्दोष लोगों के खिलाफ दुरुपयोग किया जा रहा है. जब कभी मांस बरामद किया जाता है, इसे आम तौर पर गाय के मांस के तौर पर दिखाया जाता है और फॉरेंसिक लैब द्वारा इसकी जांच नहीं कराई जाती है. ज्यादातर मामलों में मांस को विश्लेषण के लिए नहीं भेजा जाता है. आरोपी एक ऐसे अपराध के लिए जेल में पड़े रहते हैं जो अपराध किया ही नहीं गया.

पढ़ें:टू प्लस टू वार्ता जारी : भारत, अमेरिका के विदेश और रक्षा मंत्री कर रहे बैठक

अदालत ने मालिकों या आश्रय स्थलों द्वारा गायों को खुला छोड़ने के मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कहा कि गोशालाएं दूध नहीं देने वाली गायें या बूढ़ी गायें नहीं लेतीं और इन गायों को सड़कों पर घूमने के लिए छोड़ दिया जाता है. ग्रामीण इलाकों में पशुओं को चारा देने में असमर्थ लोग उन्हें खुला छोड़ देते हैं. पुलिस के भय से इन पशुओं को प्रदेश के बाहर नहीं ले जाया जा सकता. अब चारागाह भी नहीं रहे इसलिए ये जानवर यहां वहां घूमकर फसलें खराब करते हैं.

अदालत ने कहा कि चाहे गायें सड़कों पर हों या खेत में उन्हें खुला छोड़ने से समाज बुरी तरह प्रभावित होता है. यदि गोहत्या कानून को सही ढंग से लागू करना है तो इन पशुओं को आश्रय स्थलों या मालिकों के पास रखने के लिए कोई रास्ता निकालना पड़ेगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details