नई दिल्ली : जामिया मामले पर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर संयुक्त प्रहार किया है. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआईएम) के महासचिव सीताराम येचुरी सहित अन्य नेताओं ने सोमवार को साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नागरिकता कानून पर अपनी बात रखी.गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून के जामिया विश्वविद्यालय और उसके आस-पास के इलाकों रविवार को भी प्रदर्शन जारी रहा. आज भी प्रदर्शन चल रहा है.
जामिया मिलिया इस्लामिया मामले पर गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'पुलिस कुलपति की अनुमति के बिना विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश नहीं कर सकती है. यदि उसे अनुमति नहीं थी, तो केंद्र सरकार के अधीन आने वाली पुलिस ने परिसर में कैसे प्रवेश किया? हम इसकी निंदा करते हैं. इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए.'
गुलाम नबी आजाद ने आगे कहा, 'प्रधानमंत्री कहते हैं कि इस पूरे प्रकरण के पीछे कांग्रेस का हाथ है. अगर कांग्रेस ऐसी हिंसा भड़काने में सक्षम होती तो बीजेपी आज सत्ता में नहीं होती. यह बेबुनियाद आरोप है. हम इसकी निंदा करते हैं. इस पूरे प्रकरण (प्रदर्शन) के लिए केवल सत्ताधारी पार्टी, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और उनका मंत्रिमंडल जिम्मेदार है.'
सपा नेता जावेद अली खान ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए. उन्होंने घटना की कड़ी निंदा की. इस घटना की जांच सुप्रीम कोर्ट की तरफ से की जानी चाहिए. अब सरकार को चाहिए कि वह इस कानून को समाप्त करे.