मुंबई : पश्चिम बंगाल और ओडिशा में चक्रवाती तूफान अम्फान की तबाही के बाद अब महाराष्ट्र और गुजरात में निसर्ग चक्रवात का खतरा मंडरा रहा है. इसके मद्देनजर महाराष्ट्र में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 10 टीमें तैनात कर दी गई हैं. पूर्वमध्य अरब सागर के आस पास के इलाके में हाई अलर्ट है. साथ ही गंभीर चक्रवाती तूफान, भारी बारिश और समुद्र में ऊंची लहरे उठने की चेतावनी जारी की गई है. निचले इलाकों में बाढ़ आने की भी संभावना है.
अरब सागर में बना गहरे दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान में बदल गया है और यह बुधवार को उत्तरी महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तट से गुजरेगा. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक (डीजी) मृत्युंजय महापात्र ने मंगलवार को बताया, 'गहरे दबाव का क्षेत्र आज दोपहर के करीब चक्रवाती तूफान में बदल गया है. मुंबई पुलिस ने चक्रवात के मद्देनजर लोगों को तटों पर जाने से रोकने के लिए शहर में धारा 144 लगा दी है.'
रायगढ़ के डीएम ने तूफान की जानकारी दी
आईएमडी के चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने बताया कि मंगलवार रात तक इसके 'गंभीर चक्रवाती तूफान' में बदलने की संभावना है. चक्रवात को निसर्ग नाम दिया गया है. इस नाम का प्रस्ताव बांग्लादेश ने किया है.
भारतीय मौसम विभाग की मानें, तो निसर्ग चक्रवात तीन जून को महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ तटीय क्षेत्रों से टकरा सकता है. जानकारी के मुताबिक करीब 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं.
चक्रवात तीन जून को महाराष्ट्र के समुद्री तट को पार करेगा. मुंबई शहर, मुंबई उपनगर, ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों को सतर्क कर दिया गया है. सैटेलाइट से तूफान की स्थिति की जांच की जा रही है. नौसेना और तटरक्षक डोर्नियर विमानों द्वारा भी इसकी निगरानी की जा रही है. कोस्ट गार्ड डोर्नियर विमान के साथ-साथ चेतक हेलीकॉप्टरों द्वारा अरब सागर में स्थिति पर नजर रखी जा रही है. तटरक्षक नौकाओं को भी सतर्क किया जा रहा है. भारतीय नौसेना भी अरब सागर में स्थिति की निगरानी कर रही है.
तैयार है राज्य आपदा प्रबंधन
इसके साथ ही, नौसेना ने मदद के लिए अरब सागर में पांच नौकाओं को तैनात किया है और राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार, नेवी द्वारा आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी. तटरक्षक बल गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाली नौकाओं को तुरंत किनारे तक पहुंचने के निर्देश दे रहे हैं. तूफान से निबटने के लिए राज्य का आपदा प्रबंधन, राहत और पुनर्वास विभाग पूरी तरह से तैयार है. मछुआरों को समुद्र से भी बुलाया गया है और प्रशासन इस बात का ध्यान रख रहा है कि जानमाल का नुकसान न हो.
आपदा प्रबंधन मंत्री ने दी जानकारी
राज्य के आपदा प्रबंधन, राहत और पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार ने लोगों से न घबराने की अपील की है. बता दें कि चक्रवात के संभावित खतरे को देखते हुए मुंबई से कोंकण में सिंधुदुर्ग तक एनडीआरएफ की छह इकाइयां तैनात की गई हैं. वडेट्टीवार ने यह भी बताया कि एनडीआरएफ की दो टीमें पालघर जिले और एक-एक सिंधुदुर्ग जिले के ठाणे, रायगढ़ और रत्नागिरी के लिए पहुंची हैं.
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