नई दिल्ली : कांग्रेस ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के प्रायोगिक तौर पर भरवाए जा रहे फॉर्म पर सवाल उठाया. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह एनआरसी को एनपीआर में रूप में लाने की सरकार की साजिश है.
पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने यह भी कहा कि अगर सरकार एनपीआर को एनआरसी के साथ जोड़ने का कदम पीछे नहीं लेती है तो कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करेगी.
उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने सिर्फ एनपीआर पर कदम बढ़ाया था और इसे एनआरसी से कभी नहीं जोड़ा.
कांग्रेस नेता ने संवाददाताओं से कहा, 'एनपीआर और एनआरसी में फर्क करने की जरूरत है. एनपीआर सामान्य निवासी के लिए है. सामान्य निवासी के लिए सबसे अहम है कि वह व्यक्ति जिस स्थान का पता दे रहा है वहां पर वह एक साल में छह महीने तक रहा हो या फिर आगे छह महीने तक रहना चाहता हो.'
मीडिया से बातचीत के दौरान अजय माकन उन्होंने कहा, 'भाजपा ने चिदंबरम जी का जो वीडियो जारी किया उसमें स्पष्ट रूप से सामान्य निवासी की बात की गई है. भाजपा ने पिछले पांच साल में सामान्य निवासी की बात ही नहीं की. उन्होंने हमेशा एनआरसी की बात की है. वे लोग एनपीआर की बात ही नहीं करते थे.'
उन्होंने दावा किया, 'एनपीआर में 14 साधारण जानकारियां ली जाती थीं. 2020 एनपीआर के लिए इसी साल प्रीटेस्ट हुआ है जिसमें बड़ी संख्या में फॉर्म भरवाए गए हैं. प्रीटेस्ट फॉर्म (प्रायोगिक तौर पर फॉर्म भरवाना) की बात सरकार ने खारिज नहीं की है.'
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माकन ने कहा, 'इस प्रीटेस्ट फॉर्म में माता-पिता के जन्मस्थान के बारे में जानकारी मांगी गई है. मुझसे पूछेंगे तो मेरे माता-पिता का जन्म पाकिस्तान में हुआ था, मैं उनका विवरण कहां से लाऊंगा. इसमें मोबाइल नम्बर और आधार नम्बर भी मांगे जा रहे हैं.'
उन्होंने आरोप लगाया, ' यह एनआरसी को एनपीआर के रूप में पेश करने की साजिश है.'