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दिल्ली-एनसीआर में एक्यूआई 400 के पार, 'गंभीर श्रेणी' में पहुंचा प्रदूषण स्तर

राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है. आलम यह है कि आनंद विहार, अलीपुर और वाजीपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से ऊपर रहा. बता दें कि राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए एक आयोग गठित करने संबंधी अध्यादेश जारी किया है. पढ़ें विस्तार से...

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बेहद खराब श्रेणी में प्रदूषण का स्तर

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Published : Oct 29, 2020, 10:52 AM IST

Updated : Oct 29, 2020, 11:14 AM IST

नई दिल्ली : दिल्ली में प्रदूषण का स्तर एक बर फिर गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है. आज वायु गुणवत्ता सूचकांक, आनंद विहार में 401, अलीपुर में 405 और वाजीपुर में 410 है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के आंकड़ों के अनुसार सभी तीन गंभीर श्रेणी में हैं. मौजूदा समय में उन लोगों को घर में रहने की सलाह दी गई है, जिन लोगों को सांस संबंधी कोई भी परेशानी है.

दिल्ली के कई इलाकों में 400 के पार पहुंचा AQI

राष्ट्रपति ने जारी किया अध्यादेश
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए एक आयोग गठित करने संबंधी अध्यादेश जारी किया है, यह आयोग वायु गुणवत्ता सूचकांक के बेहतर तालमेल, अनुसंधान, पहचान और वायु गुणवत्ता से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए काम करेगा.

बता दें कि राजधानी के कई क्षेत्रों में धुंध की मोटी परत दिखाई दे रही है. इन क्षेत्रों में मध्य दिल्ली और निजामुद्दीन क्षेत्र भी हैं.

बेहद खराब श्रेणी में प्रदूषण का स्तर

बुधवार को शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 281 रहा, जो 'खराब श्रेणी' में आता है.

इससे पहले लगातार पांच दिन तक एक्यूआई 'बेहद खराब' श्रेणी में था.

चौबीस घंटे का औसत एक्यूआई मंगलवार को 312, सोमवार को 353, रविवार को 349, शनिवार को 345 और शुक्रवार को 366 था.

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उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि मंगलवार की सुबह हवा की गति बढ़ने से प्रदूषण कारक तत्व छितरा गए.

उन्होंने कहा कि हालांकि हवा की रफ्तार फिर से कम हो गई है, जिससे प्रदूषण कारक तत्व एकत्रित हो सकते हैं.

उन्होंने कहा कि गुरुवार तक वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में जा सकती है.

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली 'सफर' के अनुसार दिल्ली की हवा में पीएम 2.5 कणों की मात्रा में पराली जलाने से उत्पन्न हुए कणों का प्रतिशत मंगलवार को बढ़कर 23 प्रतिशत हो गया, जो कि इस मौसम में अब तक की सर्वाधिक मात्रा है.

यह सोमवार को 16 प्रतिशत था, रविवार को 19 प्रतिशत और शनिवार को नौ प्रतिशत था. सफर के अनुसार पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की 1,943 घटनाएं हुई.

हवा की गति धीमी होने और कम तापमान के कारण प्रदूषण कारक तत्व एकत्रित हो जाते हैं और हवा की रफ्तार तेज होने से वह छितरा जाते हैं.

सफर के अनुसार बुधवार को एक्यूआई में थोड़ा सुधार होगा लेकिन गुरुवार को प्रदूषण के स्तर में वृद्धि हो सकती है.

Last Updated : Oct 29, 2020, 11:14 AM IST

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