कोलकाता : आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में अपनी छाप छोड़ने को बेताब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) लोकप्रिय बंगाली बोलने वाले मुस्लिम चेहरों की तलाश में है, जो बंगाली मुस्लिमों के बीच एआईएमआईएम का संदेश फैला सके.
AIMIM की इस तरह के लोगों की तलाश इस बात का संकेत है कि राज्य में एआईएमआईएम की पहुंच अब तक केवल मुख्य रूप से उर्दू भाषी मुसलमानों तक ही सीमित है, जो राज्य की कुल मुस्लिम आबादी का लगभग छह प्रतिशत है और कोलकाता, दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, आसनसोल उपमंडल और उत्तर दिनाजपुर में कुछ छोटे इलाकों तक सीमित है.
हालांकि, हकीकत यह कि राज्य की पूरी मुस्लिम आबादी के बीच एक छाप बनाने के लिए, एआईएमआईएम को मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद और मालदह जिलों में आबादी तक पहुंचना होगा, जहां लगभग पूरी मुस्लिम आबादी बंगाली भाषी है.
पश्चिम बंगाल में एआईएमआईएम के एक पदाधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि उनकी पार्टी का असर पश्चिम बंगाल में उर्दू भाषी और बंगाली भाषी दोनों मुसलमानों पर है, लेकिन यहां पर बंगाली बोलने वालों की कमी है. इसलिए पार्टी को बंगाली बोलने वालों को जरूरत है.