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ईटीवी भारत से बोले AIMIM प्रत्याशी, मतदाताओं को करना है एकजुट

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Published : Oct 16, 2020, 11:32 PM IST

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में गया जिले के शेरघाटी से एआईएमआईएम उम्मीदवार मसरूर आलम ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाले आरएलएसपी, मायावती की बसपा और अन्य दलों के साथ गठबंधन करने की मुख्य वजह विभिन्न उम्मीदवारों के पक्ष में विभाजित वोट बैंक को बचाना है.

Interview of Masroor Aalam
शेरघाटी से एआईएमएईएम के प्रत्याशी मसरूर आलम ने ईटीवी भारत से की बात

गया:बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने दमखम दिखाना शुरू कर दिया है. बिहार विधानसभा चुनाव में हैदराबाद से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) पार्टी के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी भी पहली बार उतरी है. एआईएमएईएम पार्टी ने शेरघाटी विधानसभा से मसरूर आलम को टिकट दिया है. ईटीवी भारत ने मसरूर आलम से खास बात की.

शेरघाटी को एआईएमएईएम का मानते हैं मजबूत गढ़

शेरघाटी से एआईएमएईएम प्रत्याशी मसरूर आलम ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में एक विशेष वोट बैंक को आगामी विधानसभा चुनावों में विभाजित होने से रोकने के लिए हमारी पार्टी ने अन्य राजनीतिक पार्टियों से गठबंधन किया है. वहीं मसरूर आलम ने दावा किया है कि शेरघाटी विधानसभा क्षेत्र ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन पार्टी का मजबूत गढ़ है.

ईटीवी भारत से बात करते शेरघाटी से एआईएमएईएम के प्रत्याशी मसरूर आलम

जीत की है उम्मीद

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में गया जिले की शेरघाटी से एआईएमआईएम उम्मीदवार मसरूर आलम ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाले आरएलएसपी, मायावती की बसपा और अन्य दलों के साथ गठबंधन करने की मुख्य वजह विभिन्न उम्मीदवारों के पक्ष में विभाजित वोट बैंक को बचाना है. वहीं, उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में वह मन की ताकत से लड़ रहे और जीतने की उम्मीद भी कर रहे हैं.

राष्ट्रीय जनता दल की आलोचना की

ईटीवी भारत के एक सवाल का जवाब देते हुए शेरघाटी से एआईएमएईएम के प्रत्याशी मसरूर आलम ने राष्ट्रीय जनता दल और जन अधिकार पार्टी की कड़ी आलोचना की. हालांकि उनका कहना था कि उनका मुख्य मुकाबला जनता दल यूनाइटेड के विनोद यादव से है, जो लगायार 10 सालों से विधायक हैं. उन्होंने कहा कि बिहार की राजनीति और चुनाव में जाति एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. हालांकि वह अपनी जीत के प्रति आश्वश्त दिखे. उन्होंने कहा कि बिहार में 58 हजार मुस्लिम वोटों के मुकाबले 62 हजार यादव वोट हैं, लेकिन मसरूर आलम ने कहा कि यादव वोट विभाजित हैं.

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वोट बैंक को बांटने वहीं आई ओवैसी की पार्टी

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के बारे में बात करते हुए शेरघाटी से एआईएमएईएम के प्रत्याशी मसरूर आलम ने कहा कि वह उन लोगों से बिल्कुल भी सहमत नहीं हैं जो कहते हैं कि बिहार में ओवैसी की पार्टी वोट बैंक को बांटने आई है. उन्होंने कहा कि एआईएमएईएम की मौजूदगी वोट बैंक को विभाजित वहीं बल्कि मजबूत करेगा. दावा करते हुए मसरूर आलम ने कहा कि शेरघाटी विधानसभा क्षेत्र में चुनावी लड़ाई यह साबित करेगी कि बिहार विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम की उपस्थिति मतदाताओं को विभाजित करने के बजाय एकजुट करने का काम करेगी.

डालें एक नजर

बता दें, वर्तमान में शेरघाटी विधानसभा क्षेत्र में कुल 2 लाख 60 हजार मतदाता हैं. इनमें से 58 हजार मुस्लिम वोटर हैं. इस निर्वाचन क्षेत्र में यादव जाति के पास सबसे अधिक वोट हैं, लेकिन यह जदयू और लोजपा जैसे दो प्रमुख दलों में विभाजित हैं. विनोद यादव जदयू का प्रतिनिधित्व करते हैं और कृष्ण यादव लोजपा का प्रतिनिधित्व करते हैं. जबकि मुस्लिम मतदाता जन अधिकार पार्टी के उमैर खान और एआईएमआईएम के मसरूर आलम में विभाजित हैं.

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