नई दिल्ली : अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) का मानना है कि अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर के किसानों की स्थिति चिंताजनक है. वहां पर यातायात और संचार सेवाएं ठप होने जाने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है. उसके बाद मौसम की मार ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. असमय बर्फबारी की वजह से सेब की फसल को तो नुकसान हुआ ही, साथ ही कई बागान भी ही बर्बाद हो गये.
घाटी किसानों का हाल जानने के लिए एआईकेएससीसी के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंड के कश्मीर दौरे से लौटने के बादसमिति के संयोजक वी.एम. सिंह ने कहा, 'अगर हम कश्मीर को देश का अभिन्न हिस्सा मानते हैं तो हमें वहां के किसानों के साथ भी खड़ा होना पड़ेगा.'
वी.एम. सिंह ने कहा कि ऐसे में जिन किसानों को फसल के साथ पेड़ के नुकसान की दोहरी मार झेलनी पड़ी है, उनके सामने आत्महत्या जैसी स्थिति है. आम तौर पर एक सेब के पेड़ को तैयार होने में 13 से 15 साल लगते हैं, जिसके बाद वो फल की पैदावार शुरू करता है.