नई दिल्ली: देशभर में कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों का आंदोलन आने वाले दिनों में और व्यापक होने वाला है. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) में पहले देशभर के कई किसान संगठन जुड़े थे, लेकिन अब 160 से ज्यादा संगठनों ने AIKSCC के साथ मिल कर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ साझा आंदोलन करने का एलान किया है.
दिल्ली में 26 और 27 नवंबर को अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने किसान संगठनों के साथ बड़ी बैठक की जिसमें एकजुट हो कर बड़े आंदोलन को खड़ा करने की बात कही गई है. तीन कृषि कानून के अलावा प्रस्तावित बिजली बिल 2020 का भी विरोध किसान संगठनों द्वारा किया जा रहा है.
अब समन्वय समिति ने पांच सदस्यों की एक वर्किंग टीम बनाई है जो आंदोलन का नेतृत्व करेगी. मंगलवार को घोषित वर्किंग टीम में AIKSCC के संयोजक वीएम सिंह, बल्बीर सिंह राजेवाल, योगेंद्र यादव, गुरनाम सिंह और किसान नेता राजू शेट्टी शामिल हैं.
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किसान संगठनों ने पांच नवंबर को अखिल भारतीय रोड ब्लॉक करने का एलान किया है. देश के अलग-अलग राज्यों में किसान पूर्ण चक्का जाम करेंगे और कृषि कानूनों के प्रति अपना विरोध जताएंगे. इसके बाद 26 और 27 नवंबर को दिल्ली चलो का आह्वान किया गया है. देशभर से किसान एक बार फिर राजधानी दिल्ली में जुटेंगे और बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे.
सरदार वीएम सिंह ने बताया कि किसान सरकार पर दबाव बनाएंगे और मांग करेंगे कि इन तीन कानूनों को वापस लिया जाए और प्रस्तावित बिजली कानून को रोका जाए. आम तौर पर लोगों के बीच यह धारणा है कि इन कानूनों का विरोध केवल पंजाब और हरियाणा में है, लेकिन किसान नेताओं का कहना है कि ऐसा प्रचारित कर किसानों को अलग थलग करने का प्रयास किया जा रहा है.