नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को निर्देश दिया कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे पूर्व सांसद सज्जन कुमार के स्वास्थ्य की जांच एम्स के चिकित्सकों का एक दल करेगा.
गौरतलब है कि सज्जन कुमार ने गिरते स्वास्थ्य के आधार पर जमानत का अनुरोध किया था, जिसके चलते न्यायालय ने यह आदेश दिया.
कोर्ट ने दिया निर्देश
न्यायालय ने कहा कि एम्स के निदेशक सज्जन कुमार के स्वास्थ का परीक्षण करने के लिए चिकित्सकों का दल गठित करें और वह इस बारे में चार सप्ताह में अपनी रिपोर्ट दे.
जमानत याचिका पर होगा विचार
आपको बता दें कि न्यायमूर्ति एस.ए. बोवडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सज्जन कुमार की जमानत की अर्जी पर अगले साल ग्रीष्मावकाश के दौरान विचार किया जाएगा.
पीठ का आदेश
पीठ ने अपने आदेश में कहा, 'हमारा विचार है कि याचिकाकर्ता (कुमार) के स्वास्थ्य की जांच एम्स के निदेशक द्वारा गठित चिकित्सकों का एक दल करे. इस बारे में चार सप्ताह में रिपोर्ट पेश की जाए.
सज्जन कुमार की तरफ से वरिष्ठ वकील ने कहा
इससे पहले, सज्जन कुमार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि पूर्व सांसद पिछले 11 महीने से जेल में हैं और उनका आठ से 10 किलो वजन कम हो गया है. उन्होंने कहा कि सज्जन कुमार कई बीमारियों से जूझ रहे हैं.
वजन कम होने का मतलब खराब सेहत नहीं
इस पर पीठ ने कहा कि वजन कम होने का मतलब यह नहीं है कि वह अस्वस्थ हैं, फिर भी हम चिकित्सकों के दल द्वारा उनके स्वास्थ का परीक्षण करने का आदेश देंगे.
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न्यायमूर्ति बोवडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा
न्यायमूर्ति बोवडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने गत पांच अगस्त को कहा था कि सज्जन कुमार की जमानत की याचिका पर मई, 2020 में सुनवाई की जाएगी क्योंकि यह साधारण मामला नहीं है और इसमें कोई भी आदेश देने से पहले विस्तार से सुनवाई की जरूरत है.
पिछले साल सुनायी गयी थी उम्र कैद की सजा
कांग्रेस के पूर्व नेता कुमार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले साल 17 दिसम्बर को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. उच्च न्यायालय ने इस मामले में सज्जन कुमार को बरी करने का निचली अदालत का 2010 का फैसला निरस्त कर दिया था.
सज्जन कुमार ने दी HC के आदेश SC में चुनौती
बता दें, सज्जन कुमार ने उच्च न्यायालय के इस फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दे रखी है. पूर्व सांसद ने उच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर अदालत में समर्पण करने से पहले कांग्रेस से त्यागपत्र दे दिया था.
उच्च न्यायालय ने एक-दो नवंबर, 1984 की दरम्यानी रात में दक्षिण पश्चिम दिल्ली के राज नगर पार्ट-1 इलाके में पांच सिखों की हत्या करने और राज नगर पार्ट-II में एक गुरुद्वारे में आग लगाने की घटना के संबंध में सज्जन कुमार को उम्र कैद की सजा सुनायी थी.
दिल्ली सहित कई राज्यों में भड़के थे सिख विरोध दंगे
तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की 31 अक्टूबर को उनके दो सिख अंगरक्षकों द्वारा गोली मार हत्या किये जाने की घटना के बाद दिल्ली सहित देश के अनेक राज्यों में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे.