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हैरतअंगेज : मरीज जपता रहा माला, डॉक्टरों ने कर दी ब्रेन सर्जरी

एम्स के डॉक्टरों ने एक मरीज को बिना बेहोश किए उसकी ब्रेन सर्जरी की और ट्यूमर को निकाला. डॉक्टरों का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि ऑपरेशन के दौरान मरीज का होश में रहना जरुरी था.

हैरतअंगेज : मरीज जपता रहा माला, डॉक्टरों ने कर दी ब्रेन सर्जरी
हैरतअंगेज : मरीज जपता रहा माला, डॉक्टरों ने कर दी ब्रेन सर्जरी

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Published : Feb 1, 2021, 9:04 AM IST

भोपाल :राजधानी भोपाल स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के न्यूरो सर्जरी विभाग ने नया चमत्कार किया है. डॉक्टरों ने नरसिंहपुर के रहने वाले 38 वर्षीय मरीज की ब्रेन सर्जरी की और ट्यूमर को निकाला. सबसे अहम बात यह रही कि सर्जरी के दौरान मरीज को बेहोश नहीं किया गया था. पूरी सर्जरी मरीज के जागृत अवस्था में की गई.

बिना बेहोश किए ब्रेन सर्जरी
मरीज को पिछले दिनों एम्स के न्यूरोसर्जरी विभाग की ओपीडी में जांच के लिए भर्ती कराया गया था, जहां एमआरआई करने पर पता चला कि रोगी के मस्तिष्क के दाएं भाग में ट्यूमर है. विशेषज्ञों ने इस पूरे मामले पर चर्चा की और यह निष्कर्ष निकाला गया कि इस ट्यूमर को निकालने के लिए यह जरूरी है कि सर्जरी के दौरान मरीज जागृत अवस्था में रहे. इसलिए उसे बेहोश नहीं किया गया.

डॉक्टरों ने की ब्रेन सर्जरी

मरीज जपता रहा माला, डॉक्टरों ने कर दी सर्जरी
सर्जरी के दौरान मरीज को मोतियों की माला दी गई थी. और एक-एक मोती गिराने के लिए कहा गया था, जैसे ही डॉक्टरों ने मरीज की सर्जरी शुरू की, मरीज मोतियों की माला जपना शुरू कर दिया. इस दौरान डॉक्टरों ने मरीज से पैर हिलाते रहने को भी कहा, ऐसा करते-करते मरीज का ऑपरेशन हो गया और मरीज मोती की माला जपता रहा. सफल ऑपरेशन के बाद मरीज पूरी तरह स्वस्थ है. साथ ही मरीज अपने सभी अंगों को हिला पा रहा है.

मरीज जपता रहा माला, डॉक्टरों ने कर दी ब्रेन सर्जरी

न्यूरोलॉजी और एनेस्थीसिया विभाग के विशेषज्ञों ने की सर्जरी
एम्स के डॉक्टर सुमित राज, डॉक्टर प्रदीप चौकसे, डॉक्टर मानस प्रकाश ने मरीज का ऑपरेशन किया. इसके साथ ही एनेस्थीसिया विभाग की डॉक्टर वैशाली, डॉ. जैनबहक और डॉ अंकिता की टीम साथ रही, जिनकी मौजूदगी में ये ऑपरेशन किया गया.

बिना बेहोश किए ब्रेन सर्जरी

क्या है अवेक क्रेनियोटोमी ?
अवेक क्रेनियोटोमी एक इंट्राक्रेनियल सर्जिकल प्रक्रिया है. जिसमें रोगी को सर्जरी के एक हिस्से के दौरान जानबूझकर जागृत अवस्था में रखा जाता है. सामान्य तौर पर यह प्रक्रिया घाव को मापने और स्नेहीकरण के दौरान काम में लाई जाती है. पिछले कुछ सालों में यह प्रक्रिया काफी लोकप्रिय हुई है.

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