श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि इस साल जुलाई में शोपियां मुठभेड़ में मारे गए राजौरी के युवकों के परिवार वालों को न्याय मिलेगा. सिन्हा ने कहा कि घटना के बाद इस मामले में सेना और पुलिस अलग-अलग जांच कर रही है.
सिन्हा ने दो अक्टूबर को शुरू होने वाली बैक टू विलेज योजना को लेकर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल के जवाब में कहा सेना और पुलिस अलग-अलग जांच कर रही हैं. मैं पीड़ित परिवारों को आश्वासन देता हूं कि प्रशासन उन्हें न्याय दिलाएगा.
बता दें कि राजौरी के एक नाबालिग सहित तीन युवक, अबरार अहमद खान (17) पुत्र बग्गा खान, उसका बहनोई अबरार अहमद (25) पुत्र मोहम्मद यूसुफ और उनका रिश्तेदार इम्तियाज अहमद (20) पुत्र सबर हुसैन जुलाई में मजदूरी के लिए शोपियां गए थे और 17 जुलाई की शाम को लापता हो गए थे.
इसके बाद 18 जुलाई की सुबह शोपियां में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस और बाद में एक ब्रिगेडियर स्तर के सेना अधिकारी द्वारा जारी बयान में पुलिस और सेना ने दावा किया कि दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के अमशीपोरा गांव के बाग में एक मुठभेड़ में तीन अज्ञात आतंकवादियों को मार गिराया है.
श्रीनगर स्थित रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने अगस्त में जारी एक बयान में कहा था कि हमने 18 जुलाई 2020 को शोपियां में ऑपरेशन से जुड़े सोशल मीडिया इनपुट को नोट किया है. ऑपरेशन के दौरान मारे गए तीन आतंकवादियों की पहचान नहीं की गई है और शवों को स्थापित प्रोटोकॉल के आधार पर दफनाया गया था. सेना इस मामले की जांच कर रही है.
परिवारों ने सेना और पुलिस को अलग-अलग जांच शुरू करने के लिए प्रदर्शन किया था. डॉक्टरों के साथ एक पुलिस टीम को 18 अगस्त को शोपियां से राजौरी भेजा गया था, ताकि उनके डीएनए नमूने एकत्र किए जा सकें. हालांकि, रिपोर्ट परिवारों को नहीं सौंपी गई है.