राजनांदगांव: जीवन में सभी को मां एक बार ही मिलती है, लेकिन राजनांदगांव जिले के बिजेतला गांव के पटेल परिवार के भाइयों को जीवन में मां दो बार मिली. एक बार पहले और दूसरी बार 29 साल बाद. जी हां, ये कहानी शायद आपको थोड़ी फिल्मी लगे, लेकिन सौ प्रतिशत सच है.
- जिले के घुमका थाने क्षेत्र के गांव बिजेतला में आज से करीब 29 साल पहले 35 साल की केजाबाई पटेल अपने मानसिक संतुलन ठीक नहीं होने की वजह से घर से लापता हो गई थीं.
- परिजनों ने काफी तलाश की, दिन महीनों में बीते और महीने साल में, लेकिन दो बेटों और तीन बेटियों की मां का कहीं पता न चला.
- दो-तीन साल की तलाश के बाद धीरे-धीरे परिवारवालों ने उसके वापस लौटने की उम्मीद भी छोड़ दी
- पांच बच्चों वाले इस भरे-पूरे परिवार से मां का साया ही उठ गया और वो मां की याद में रोने लगते थे, लेकिन धीरे-धीरे वक्त के साथ बच्चों के आंसू भी सूख गए. समय बीतता गया सभी बच्चे बड़े हो गए.
- फिर 29 साल बाद कुछ ऐसा हुआ, जिसका यकीन करना आसान नहीं था. जब परिवार को 29 साल बाद मां के जिंदा होने की खबर मिली, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
केरल से मिली केजाबाई
- बीते 15 दिन पहले राजनांदगांव पुलिस को केरल राज्य के त्रिसूर जिला पुलिस से सूचना मिली कि राजनांदगांव की एक महिला केरल में है, जो स्वयं को राजनांदगांव जिले के घूमका क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बिजेतला का होना बता रही है. राजनांदगांव पुलिस ने इस पते की तस्दीक की, तो पुलिस को मालूम चला कि लगभग 29 साल पहले पटेल परिवार से उनकी मां केजाबाई मानसिक बीमारी के चलते घर से निकल गई थीं. पटेल परिवार के सदस्यों को पुलिस ने जानकारी दी कि, उनकी मां केजाबाई केरल के त्रिसूर जिला के मायानूर में है.
- इसके बाद पुलिस ने राजनांदगांव के कोतवाली थाने में पदस्थ पुलिसकर्मियों को उक्त परिवार के साथ केरल के लिए रवाना किया. ये पुलिसकर्मी वहां के परिवेश से काफी वाकिफ थे और वहां की स्थानीय भाषा भी जानते थे. पटेल परिवार के साथ वे लगभग 10 दिनों तक त्रिसूर में रहकर सारी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरी कर केजाबाई को लेकर राजनंदगांव पहुंचे.
29 साल में केजाबाई ने जमा किए एक लाख रुपए
- लगभग 29 साल पहले 35 वर्षीया केजाबाई खाली हाथ अपने घर से निकल कर केरल जा पहुंची थी. जहां उनकी मानसिक हालत को देखते हुए लोगों ने उन्हे भिक्षा देनी शुरू कर दिया. लोगों के मिलने वाले दान से केजाबाई का गुजर-बसर होने लगा.
- लगभग 3 साल पहले केजाबाई बीमार होने पर लोगों की मदद से अस्पताल पहुंची, जहां डॉक्टरों ने उनका इलाज करना शुरू किया.
- इसके बाद केजाबाई के पास एक गठरी मिली, जिसमें लोगों के दिए हुए पैसे मिले, जो 29 साल में 1 लाख 11 हजार 7 सौ 33 रुपये हो चुके थे.
- इसके बाद इस गठरी के रुपए को केरल पुलिस ने न्यायालय के सामने पेश किया.