अयोध्या : विश्व हिन्दू परिषद ने शनिवार को उन सभी अधिवक्ताओं का सम्मान किया, जिन्होंने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद के केस में निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में रामलला का पक्ष रखा था.
कारसेवकपुरम में आयोजित इस सम्मान समारोह में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता पदमश्री व पद्मविभूषण के. परासरण, विक्रम बनर्जी, वैधनाथन, पीवी योगेश्वरन, मदनमोहन पांडेय व अन्य अधिवक्ता मौजूद रहे. श्री राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास और संत समाज भी मंच पर मौजूद रहे. लोअर कोर्ट, हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं का सम्मान किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट में रामलला का पक्ष रखने वाले अधिवक्ताओं का किया गया सम्मान. ये सभी ऐसे अधिवक्ता हैं, जिन्होंने कोर्ट में रामलला के पक्ष में मुकदमा लड़ा है. इनमें एक दर्जन से अधिक ऐसे अधिवक्ताओं को भी शामिल किया गया है. इन्होंने ऐतिहासिक क्षेत्रीय विश्वस्तरीय डेटा एकत्र करके प्रमाणित करने का भी काम किया था. इनके अलावा इनमें विश्व हिन्दू परिषद की तरफ से ऐसे एडवोकेट भी शामिल थे, जो रामलला की ओर से निर्मोही और दिगम्बर अखाड़ा की ओर से मेडिएशन टीम में शामिल थे.
इन अधिक्ताओं को मिला सम्मान
विश्व हिन्दू परिषद ने जिन महत्वपूर्ण अधिवक्ताओं को सम्मानित करने के लिए बुलाया था, उनमें के. परासरण, सीएस वैद्यनाथन, मदन मोहन पांडे, विक्रमजीत बनर्जी, पीवी योगेश्वरन, न्यायमूर्ति कमलेश्वर नाथ, श्रीधर भक्ति वर्धन सिंह, अनिरुद्ध शर्मा, स्वरूप चतुर्वेदी, मुकुल सिंह, संतोष कुमार, अमित शर्मा, प्रणीत शुभेंदु, आनंद आयुष, आनंद वैभव चड्ढा इत्यादि प्रमुख तौर पर मौजूद रहे.
ये लोग रहे मौजूद
इनके अलावा वीएचपी की ओर से जिन महत्वपूर्ण व्यक्तियों को बुलाया गया था, उनमें लाल बहादुर सिंह, राघवेंद्र सिंह, रमेश कुमार सिंह, शशि प्रकाश सिंह, विमल श्रीवास्तव, लखनऊ से केके मिश्रा, लखनऊ से अभिषेक रंजन, लखनऊ से मोहन परासरण, नई दिल्ली से सतीश परासरण, चेन्नई से हरीश वैद्यनाथन, दिल्ली से दिनेश चंद्र त्रिलोकी नाथ पांडे, ओमप्रकाश सिंह, अशोक तिवारी, प्रकाश शर्मा, शंभू नाथ, शुभ नारायण सिंह, चंपत राय, प्रभुनाथ श्रीवास्तव, अमृत सिंह, कौशल किशोर, रमेश और कौशल थे.
विश्व हिन्दू परिषद की ओर से चंपत राय ने कहा कि श्रीरामलला को अबोध बालक मानकर केस लड़ा गया, जिससे हमें जीत हासिल हुई.
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