नई दिल्ली: वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने एक पूर्व सरकारी अधिकारी के खिलाफ शुक्रवार को शीर्ष अदालत में अवमानना याचिका दायर की है. इसमें आरोप लगाया गया है कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में एक मुस्लिम पक्षकार की पैरवी करने पर उन्हें इस अधिकारी ने धमकी दी है.
याचिकाकर्ता एम सिद्दीक और अखिल भारतीय सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से पेश हो रहे वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा है कि उन्हें एक सेवानिवृत्त शिक्षा अधिकारी एन षड़मुगम से 14 अगस्त, 2019 की तारीख का पत्र मिला है, जिसमें उन्हें मुस्लिम पक्षकारों की ओर से पेश नहीं होने की धमकी दी गई है.
धवन ने अपनी याचिका में कहा है कि यह पत्र उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के माध्यम से भेजा गया है और एसोसिएशन के स्टाफ ने उन्हें यह पत्र 22 अगस्त, 2019 को बार पुस्तकालय प्रथम के नजदीक सौंपा.
याचिकाकर्ता अपने एडवोकेट आन रिकार्ड एजाज मकबूल के माध्यम से 23 अगस्त, 2019 का पत्र षड़मुगम के पत्र के साथ षड़मुगम के खिलाफ स्वत: अवमानना कार्यवाही के लिये सौंप रहा है.
धवन ने कहा है कि उन्हें राजस्थान निवासी संजय कलाल बजरंगी से व्हाट्सएप संदेश मिला है, जो शीर्ष अदालत के न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप का प्रयास है. उन्होंने इस संदेश की प्रति भी अपनी याचिका के साथ संलग्न की है.