नई दिल्ली : अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा विध्वंस केस में सीबीआई की विशेष अदालत से बरी होने पर बुधवार को पूर्व उप प्रधानमंत्री और भाजपा के सीनियर लीडर लालकृष्ण आडवाणी ने प्रसन्नता व्यक्त की है. उन्होंने जय श्रीराम कहकर फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि अब वह करोड़ों देशवासियों की तरह अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण पूरा होते देखना चाहते हैं. लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि स्पेशल कोर्ट का निर्णय अत्यंत महत्वपूर्ण है, जब ये समाचार सुना तो जय श्रीराम कहकर इसका स्वागत किया. हम सबके लिए बहुत खुशी का दिन है.
कोर्ट के निर्णय ने आंदोलन के प्रति विश्वास और प्रतिबद्धता को साबित किया
भाजपा के सीनियर लीडर लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि कोर्ट के निर्णय ने मेरे व्यक्तिगत और भारतीय जनता पार्टी के राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रति विश्वास और प्रतिबद्धता को साबित किया है. इसलिए मुझे और ज्यादा खुशी है कि यह निर्णय 9 नवंबर 2019 के उस निर्णय के बाद आया है, जिसके कारण अयोध्या में राम मंदिर का सपना पूरा हुआ. आडवाणी ने सीबीआई कोर्ट के फैसले के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं, नेताओं और उन सभी का आभार जताया, जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन में भूमिका निभाई. आडवाणी ने केस लड़ने वाली अपनी लीगल टीम के महिपाल, अनुराग अहलूवालिया के योगदान की भी सराहना की.
सीबीआई कोर्ट के फैसले के बाद आडवाणी की प्रतिक्रिया आडवाणी समेत 32 आरोपियों को किया गया बरी
बता दें, छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा विध्वंस मामले की 28 वर्षों तक चली सुनवाई के बाद बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने इस आपराधिक मामले में फैसला सुनाया. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके यादव ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि विवादित ढांचा विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी. सिर्फ तस्वीरों से आरोपियों के घटना में शामिल होने का सबूत नहीं मिल जाता.