दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

राम मंदिर भूमि पूजन वर्षों पुराना सपना साकार होने जैसा : आडवाणी

लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि राम मंदिर भूमि पूजन वर्षों पुराना सपना साकार होने जैसा है. उन्होंने कहा कि पीएम राम मंदिर की नींव रख रहे हैं. यह न केवल मेरे लिए बल्कि सभी भारतीयों के लिए एक ऐतिहासिक और भावनात्मक दिन है.

लालकृष्ण आडवाणी
लालकृष्ण आडवाणी

By

Published : Aug 4, 2020, 8:52 PM IST

Updated : Aug 4, 2020, 9:17 PM IST

नई दिल्ली : बुधवार को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम होना है. इसमें पीएम मोदी भी शामिल होंगे. 1990 के दशक में शुरू हुए राम मंदिर आंदोलन के सूत्रधारों में शामिल रहे भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर भूमि पूजन वर्षों पुराना सपना साकार होने जैसा है.

आडवाणी ने कहा, 'मेरा यह विश्वास है कि राम मंदिर सभी के लिए न्याय के साथ एक मजबूत, समृद्ध, शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण राष्ट्र के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा.' उन्होंने कहा कि इससे किसी की उपेक्षा या तिरस्कार नहीं होगा. जिससे हम वास्तव में राम राज्य में सुशासन का प्रतीक बन सकें.

राम मंदिर भूमि पूजन पर आडवाणी का बयान

आडवाणी ने कहा, 'कभी-कभी महत्वपूर्ण सपनों के पूरा होने में लंबा समय लगता है, लेकिन जब अंत में इसके पूरा होने का एहसास होता है, तो इंतजार सार्थक हो जाता है.'

उन्होंने कहा कि ऐसा ही एक सपना जो मेरे दिल के करीब था पूरा हो रहा है. आडवाणी ने कहा, पीएम राम मंदिर की नींव रख रहे हैं. यह न केवल मेरे लिए बल्कि सभी भारतीयों के लिए एक ऐतिहासिक और भावनात्मक दिन है.

राम मंदिर के लिए हुए आंदोलन में आडवाणी की भूमिका-

  • 1990 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पार्टी का विस्तार करने का प्रयास कर रही थी. 1984 के आम चुनावों में पार्टी ने लोकसभा में केवल दो सीटें जीती थीं. 1989 तक पार्टी 80 से अधिक लोक साभा सीटें जीत चुकी थी. लाल कृष्ण आडवाणी 1989 में पार्टी के अध्यक्ष बने. जिसके बाद दो बड़ी घटनाएं हुईं. एक 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचे का विध्वंस और सत्ता में भाजपा का आना.
  • आडवाणी ने 25 सितंबर, 1990 को गुजरात के सोमनाथ से रथयात्रा शुरू की, जिसे विभिन्न राज्यों से होते हुए 30 अक्टूबर को अयोध्या पहुंचना था. आडवाणी वहां कारसेवा में शामिल होने वाले थे.1991 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 100 का आंकड़ा पार किया. 6 दिसंबर 1992 में जब विवादित ढांचे को गिराया गया, तो आडवाणी और अन्य भाजपा नेताओं के साथ कारसेवकों की भीड़ में भाषण देते हुए अयोध्या में मौजूद थे.
  • 1996 में भाजपा लोकसभा में अकेली सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और 13 दिन तक केंद्र में अल्पकालिक सरकार बनी. 1998 में आडवाणी के गृहमंत्री के रूप में पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के हिस्से के रूप में फिर से सत्ता में आई. बाद में उन्हें उप प्रधानमंत्री के रूप में पदोन्नत किया गया, लेकिन बीजेपी 2004 और 2009 के आम चुनावों में हार गई. आडवाणी को दोनों में उनके पीएम उम्मीदवार के रूप में प्रोजेक्ट किया गया. जैसे ही नरेंद्र मोदी प्रमुखता से आगे बढ़े आडवाणी ने खुद को पार्टी में दरकिनार कर लिया.
    आडवाणी और नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
Last Updated : Aug 4, 2020, 9:17 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details