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मानसून के 16 मई को अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह पहुंचने की संभावना

मानसून आमतौर पर 20 मई के आस-पास अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह पहुंचता है. पिछले महीने इसके वहां पहुंचने की संभावना संबंधी तिथि संशोधित करके 22 मई बताई गई थी. आईएमडी ने कहा कि मानसून के बंगाल की खाड़ी में चक्रवात के कारण सामान्य तिथि से करीब छह दिन पहले 16 मई के आस-पास अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह पहुंचने की संभावना है. पढ़ें खबर विस्तार से....

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Published : May 13, 2020, 7:51 PM IST

Updated : May 13, 2020, 8:28 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि मानसून के, बंगाल की खाड़ी में चक्रवात के कारण सामान्य तिथि से करीब छह दिन पहले 16 मई के आस-पास अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह पहुंचने की संभावना है.

मानसून आमतौर पर 20 मई के आस-पास अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह पहुंचता है. पिछले महीने इसके वहां पहुंचने की संभावना संबंधी तिथि संशोधित करके 22 मई बताई गई थी.

इसके बाद मानसून को केरल पहुंचने में 10 से 11 दिन लगते हैं और फिर भारत में बारिश की शुरुआत होती है. आईएमडी केरल में मानसून के पहुंचने की संभावित तिथि की जानकारी इस सप्ताह के आखिर में जारी कर सकता है.

साथ ही आईएमडी ने कहा कि चक्रवात बनने की दिशा में पहले कदम के तहत निम्न दबाव वाला क्षेत्र दक्षिणपूर्वी बंगाल की खाड़ी और निकटवर्ती दक्षिण अंडमान सागर में बुधवार की सुबह बन गया.

दक्षिणी बंगाल की खाड़ी के मध्य हिस्सों में 15 मई को दबाव के और गहरा होने की संभावना है और यह बाद में 16 मई को बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान बनकर आएगा.

आईएमडी ने कहा, 'प्रणाली (चक्रवात) के साथ स्थितियां दक्षिण पश्चिम मानसून को बंगाल की खाड़ी, अंडमान सागर और अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह के आस-पास 16 मई तक ले जाने के अनुकूल बनेंगी.'

चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने कहा कि वह चक्रवाती प्रणाली पर लगातार नजर रख रहा है और संबंधित राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों को नियमित जानकारी दे रहा है.

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि चक्रवात मानसून को आगे बढ़ाने में मदद करेगा. मानसून के इस साल सामान्य रहने की संभावना है.

केरल में एक जून को मानसून के पहुंचने की संभावना है, जिसके बाद देश में चार महीने चलने वाले बारिश के मौसम की शुरुआत होगी.

आईएमडी के 1960 से 2019 के आंकड़ों के आधार पर देश के कई हिस्सों में मानसून आने और वहां से इसके जाने की तारीखों में संशोधन किया गया है. पहले की तारीखें 1901 से 1940 के आंकड़ों पर आधारित थीं.

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हालांकि पहले पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन ने बताया था कि केरल में मानसून के पहुंचने की तारीख में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में मानसून के आने की तारीख तीन से सात दिन तक आगे खिसक गई है.

दिल्ली में मॉनसून 23 जून के बजाए 27 जून और मुंबई एवं कोलकाता में 10 जून के बजाय 11 जून तक दस्तक देगा. चेन्नई में यह एक जून के बजाए चार जून को पहुंचेगा.

हालांकि पश्चिमोत्तर भारत में मानसून 15 जुलाई के बजाए आठ जुलाई को पहुंचेगा. दक्षिण भारत से मानसून की वापसी की नई तारीख 15 अक्टूबर है.

Last Updated : May 13, 2020, 8:28 PM IST

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