भीलवाड़ा/जयपुर :राजस्थान में कोरोना वायरस से पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा हर दिन बढ़ता जा रहा है. शुक्रवार शाम तक प्रदेश में कुल 166 कोरोना वायरस के मरीज सामने आ चुके थे. फिलहाल प्रदेश में सबसे अधिक मामले राजधानी जयपुर से सामने आए हैं, लेकिन प्रदेश में जब कोरोना वायरस ने दस्तक दी, तो इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था भीलवाड़ा.
एक के बाद एक कोरोना संक्रमित लोगों के सामने आने के बाद प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए थे. अब प्रशासन के सामने दो चुनौतियां थीं, पहली कोरोना पर काबू पाना और दूसरा इस महामारी के कारण जिले के माथे पर लगे कलंक को मिटाना. हालांकि भीलवाड़ा ने अपने हौसले और हिम्मत से न केवल कोरोना के खिलाफ जंग में विजय पाई, बल्कि प्रदेश के मुखिया तक से वाहवाही भी बटोरी.
शुक्रवार को जिले से सुखद खबर आई. 26 कोरोना संक्रमितों में से 15 को पूरी तरह से ठीक होने के बाद घर भेज दिया गया. इन मरीजों के कोरोना संक्रमित होने से लेकर इनके ठीक होकर घर जाने की कहानी बड़ी रोचक है, जो प्रदेश ही नहीं पूरे देश के लिए प्रेरणादायी बनने वाली है. जिस प्रकार से भीलवाड़ा ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी और फिर जीत हासिल की. यह सब किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है.
भीलवाड़ा को पुकारा जाने लगा 'राजस्थान का इटली'....
यहां जिस तरह से कोरोना पॉजिटिव लगातार सामने आ रहे थे, उसे देखकर भीलवाड़ा को 'राजस्थान का इटली' तक कहा जाने लगा था. हालांकि अथक प्रयासों और सही रणनीति के चलते भीलवाड़ा ने इस कलंक से न केवल मुक्ति पाई, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा बनकर भी उभरा.
भीलवाड़ा ने ऐसे पाई कोरोना पर विजय:
'लॉकडाउन' से लेकर 'महा कर्फ्यू' तक का सफर
भीलवाड़ा जिला प्रशासन की ओर से कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए कई कड़े कदम उठाए गए. पहले 'लॉकडाउन' फिर 'कर्फ्यू' और उसके बाद 'महा कर्फ्यू'. भीलवाड़ा ने वह सब किया जो इस महामारी के प्रकोप पर लगाम लगाने के लिए जरूरी था.
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सीमाओं को किया सील
प्रशासन ने जिले से लगती सभी सीमाओं को पूरी तरह से सील कर दिया. ऐसे में न तो कोई बाहरी व्यक्ति भीलवाड़ा में आ सकता था और ना ही यहां से बाहर जा सकता था.
स्वास्थ्य विभाग मुस्तैद
स्वास्थ्य विभाग की टीमें मैदान में उतरीं और जिले के हर उस व्यक्ति और परिवार की स्क्रीनिंग की गई, जिसके संदिग्ध होने को लेकर थोड़ी सी भी शंका थी. भीलवाड़ा में चिकित्सा दलों ने करीब आठ लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की.
इस प्रयास का नतीजा यह निकला कि जिले में तेजी से पैर पसार रहे कोरोना पर लगाम लगाई जा सकी. जिले में 7,967 टीमों द्वारा घर-घर जाकर सर्वे किया जा रहा है. अब तक 6,29,125 घरों का सर्वे कर 31,54,000 लोगों का परीक्षण किया जा चुका है.
कोरोना पॉजिटिव मरीजों का रखा गया विशेष ध्यान
इलाज के दौरान कोरोना पॉजिटिव मरीजों का विशेष ध्यान रखा गया. उनकी डाइट से लेकर दिनचर्या तक पर बारीकी से नजर रखी गई. समय-समय पर उनकी जांच की गई.
कोरोना मरीजों का डॉक्टर्स ने बढ़ाया उत्साह