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अधीर का PM को पत्र, NPA में बंगाली को शास्त्रीय भाषा के रूप में शामिल करने की मांग

अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में शास्त्रीय भाषा की श्रेणी में किसी भाषा को शामिल करने की विशेषताओं को जानना चाहा. उन्होंने कहा कि बंगाली दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली 15वीं भाषा है, इसलिए नयी शिक्षा नीति-2020 में बंगाली को शास्त्रीय भाषा के रूप में सूचीबद्ध किया जाए.

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Published : Aug 8, 2020, 9:25 PM IST

Adhir
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कोलकाताः लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने केंद्र की नयी शिक्षा नीति-2020 (National Education Policy) में बंगाली को शास्त्रीय भाषा के रूप में सूचीबद्ध करने की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है.

चौधरी ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में शास्त्रीय भाषा की श्रेणी में किसी भाषा को शामिल करने की विशेषताओं को जानना चाहा.

उन्होंने कहा, 'शास्त्रीय भाषा की श्रेणी में किसी भाषा को रखने के लिए क्या विशेषता होनी चाहिए? बंगाली दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली 15वीं भाषा है, यह मूलत: साहित्यिक परंपरा पर आधारित है.'

कांग्रेस सांसद ने कहा, 'मानवशास्त्रीय और पुरातात्विक साक्ष्य इंगित करता है कि बंगाली भाषी कई जातीय समूहों से मिलकर बने और उन्हें बंगाली भाषा जोड़ती है.'

उन्होंने कहा, 'इसलिए मैं भारत की नयी शिक्षा नीति में बंगाली भाषा को शास्त्रीय भाषा की श्रेणी में शामिल करने के लिए विचार करने का आग्रह करूंगा ताकि देश में शास्त्रीय भाषाओं की सूची का निर्धारण करने के लिए अर्हता की गहराई से संदर्भित हो सके.'

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अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को यह पत्र नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रविंद्र नाथ ठाकुर की 79वीं पुण्यतिथि पर लिखा.

उल्लेखनीय है कि नयी शिक्षा नीति में संस्कृत, तमिल, कन्नड, तेलुगू, मलयालम, ओडिया को शास्त्रीय भाषाओं की सूची में शामिल किया गया है. नयी शिक्षा नीति को 29 जुलाई को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी जो 34 साल पुरानी शिक्षा नीति का स्थान लेगी.

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