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वैचारिक तंत्र और राजनीतिक मंत्र साफ, हमारे लिए राष्ट्र सर्वोपरि : पीएम मोदी - वैचारिक तंत्र

पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती पर पीएम मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि जिन साथियों ने अपनी जीवन लीला समाज की सेवा करते-करते समाप्त कर दी, उन दिवंगत साथियों को आदरपूर्वक नमन. पीएम मोदी ने कहा कि पंडित उपाध्याय द्वारा दिखाए गए राह पर हमें आगे बढ़ना है.

पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती
पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती

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Published : Sep 25, 2020, 11:14 AM IST

Updated : Sep 25, 2020, 2:26 PM IST

नई दिल्ली : जनसंघ के सह-संस्थापक पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती के मौके पर पीएम मोदी ने संबोधित किया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि बीते सालों में यह निरंतर प्रयास किया गया है कि किसान को बैंकों से सीधे जोड़ा जाए. पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के 10 करोड़ से ज्यादा किसानों के बैंक खातों में कुल एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा ट्रांसफर किए जा चुके हैं.

किसानों के मुद्दे पर पीएम ने कहा कि सरकार ने इस बात का भी प्रयास किया है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड हो, उन्हें खेती के लिए आसानी से कर्ज उपलब्ध हो. पहले सिर्फ उसी किसान को केसीसी का लाभ मिलता था जिसके पास 2 हेक्टेयर जमीन हो. हमारी सरकार इसके दायरे में देश के हर किसान को ले आई है.

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के पिछले 6 साल में किसान क्रेडिट कार्ड द्वारा किसानों को करीब 20 लाख करोड़ रुपए का ऋण दिया गया था। भाजपा सरकार के 5 वर्ष में किसानों को लगभग 35 लाख करोड़ रुपए केसीसी के माध्यम से दिए गए हैं.

उन्होंने कहा कि किसानों को कर्ज लेने की मजबूरी से बाहर निकालने के लिए हमने एक अहम काम पूरी ताकत से शुरू किया है. अब दशकों बाद किसान को अपनी उपज पर सही हक मिल पाया है। कृषि में जो सुधार किए हैं उसका सबसे ज्यादा लाभ छोटे और सीमांत किसानों को मिलेगा.

किसानों से हमेशा झूठ बोलने वाले कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ की वजह से किसानों को भ्रमित करने में लगे हैं. लोग अफवाहें फैला रहे हैं. किसानों को ऐसी किसी भी अफवाह से बचाना भाजपा कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है. हमें किसान के भविष्य को उज्ज्वल बनाना है.

किसानों, खेत मजदूरों, छोटे दुकानदारों, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन और बीमा से जुड़ी योजनाएं हमारी सरकार ने पहले ही आरंभ कर दिया है. अब नए प्रवधानों से सामाजिक सुरक्षा का यह कवच और मजबूत होगा.

आत्मनिर्भरता के व्यापक मिशन से हर कोई जुड़े, सभी को अवसर मिले. यही तो दीनदयाल जी का सपना पूरा करने का प्रयास है. इसी ध्येय के साथ SC/ST वर्ग के साथियों के लिए जो आरक्षण का प्रावधान है, उसको हमारी सरकार ने पार्लियामेंट में अगले 10 वर्ष के लिए बढ़ाया गया है.

पीएम मोदी ने कहा कि हमारा वैचारिक तंत्र और राजनीतिक मंत्र साफ है. हम लोगों के लिए राष्ट्र सर्वोपरि है। नेशन फर्स्ट यही हमारा मंत्र है, यही हमारा कर्म है.

पढ़ें :-कृषि विधेयकों के विरोध में देशभर के किसान, पुख्ता सुरक्षा इंतजाम

वहीं उन्होंने देशभर में फैले भाजपा कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं दी. पीएम मोदी ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय ने जो हमें मार्ग दिखाया है, उस रास्ते पर हम पूरे समर्पित भाव से हम आगे बढ़ना है.

देश के सामान्य मानवी को जब हमारी बहुत ज्यादा जरूरत थी, तब हमने अपने राष्ट्रव्यापी नेटवर्क की ताकत हमारे देश के लोगों की सेवा में लगा दी. शहर हो या गांव हर जगह भाजपा कार्यकर्ताओं ने लोगों की मदद की और आज भी कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्र हित में जो योजनाएं बनाई गई हैं उन्हें लोगों तक पहुंचाना है ही, हमें अपने सामाजिक दायित्व को सजगता से निभाना है। अगर कोरोना के इस कालखंड की ही बात करें, तो दो गज़ की दूरी, मास्क, हाथ की साफ-सफाई, इन सभी के लिए जागरूकता फैलाना, निरंतर जरूरी है.

उन्होंने कहा कि सभी सामन्य जन की सुरक्षा और सेवा के लिए समर्पित भाव से कार्यकर्ता निरंतर काम कर रहे हैं. कोरोना की चुनौतियों के बीच भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपनी इस सेवा साधना को बिना रुके, बिना थके जारी रखा है. इसमें हमारे कई कार्यकर्ताओं को अपना जीवन भी खोना पड़ा है.

नरेंद्र मोदी ने कहा, 'मैं भाजपा के हर कार्यकर्ताओं को उनके सेवाभाव व परिश्रम के लिए आदरपूर्वक नमन करता हूं. यह हमारे लिए एक प्रेरणा बनी रहेगी. मैं सभी कार्यकर्ताओं और उनके परिवार के उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं.' इसके पहले भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने संबोधित किया था.

पंडित उपाध्याय का परिचय

राजनीतिक दिग्गजों में शामिल जाने-माने विचारक, दार्शनिक और भारतीय जनसंघ के सह-संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितम्बर, 1916 को मथुरा में हुआ था.

पंडित दीनदयाल उपाध्याय जब अपनी स्नातक स्तर की शिक्षा हासिल कर रहे थे, उसी वक्त वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संपर्क में आए और वह आरएसएस के प्रचारक बन गए. हालांकि प्रचारक बनने से पहले उन्होंने 1939 और 1942 में संघ की शिक्षा का प्रशिक्षण लिया था और इस प्रशिक्षण के बाद ही उन्हें प्रचारक बनाया गया था. वर्ष 1951 में भारतीय जनसंघ की नींव रखी गई थी और इस पार्टी को बनाने का पूरा कार्य उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ मिलकर किया था.

Last Updated : Sep 25, 2020, 2:26 PM IST

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