नई दिल्ली : जनसंघ के सह-संस्थापक पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती के मौके पर पीएम मोदी ने संबोधित किया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि बीते सालों में यह निरंतर प्रयास किया गया है कि किसान को बैंकों से सीधे जोड़ा जाए. पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के 10 करोड़ से ज्यादा किसानों के बैंक खातों में कुल एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा ट्रांसफर किए जा चुके हैं.
किसानों के मुद्दे पर पीएम ने कहा कि सरकार ने इस बात का भी प्रयास किया है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड हो, उन्हें खेती के लिए आसानी से कर्ज उपलब्ध हो. पहले सिर्फ उसी किसान को केसीसी का लाभ मिलता था जिसके पास 2 हेक्टेयर जमीन हो. हमारी सरकार इसके दायरे में देश के हर किसान को ले आई है.
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के पिछले 6 साल में किसान क्रेडिट कार्ड द्वारा किसानों को करीब 20 लाख करोड़ रुपए का ऋण दिया गया था। भाजपा सरकार के 5 वर्ष में किसानों को लगभग 35 लाख करोड़ रुपए केसीसी के माध्यम से दिए गए हैं.
उन्होंने कहा कि किसानों को कर्ज लेने की मजबूरी से बाहर निकालने के लिए हमने एक अहम काम पूरी ताकत से शुरू किया है. अब दशकों बाद किसान को अपनी उपज पर सही हक मिल पाया है। कृषि में जो सुधार किए हैं उसका सबसे ज्यादा लाभ छोटे और सीमांत किसानों को मिलेगा.
किसानों से हमेशा झूठ बोलने वाले कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ की वजह से किसानों को भ्रमित करने में लगे हैं. लोग अफवाहें फैला रहे हैं. किसानों को ऐसी किसी भी अफवाह से बचाना भाजपा कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है. हमें किसान के भविष्य को उज्ज्वल बनाना है.
किसानों, खेत मजदूरों, छोटे दुकानदारों, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन और बीमा से जुड़ी योजनाएं हमारी सरकार ने पहले ही आरंभ कर दिया है. अब नए प्रवधानों से सामाजिक सुरक्षा का यह कवच और मजबूत होगा.
आत्मनिर्भरता के व्यापक मिशन से हर कोई जुड़े, सभी को अवसर मिले. यही तो दीनदयाल जी का सपना पूरा करने का प्रयास है. इसी ध्येय के साथ SC/ST वर्ग के साथियों के लिए जो आरक्षण का प्रावधान है, उसको हमारी सरकार ने पार्लियामेंट में अगले 10 वर्ष के लिए बढ़ाया गया है.
पीएम मोदी ने कहा कि हमारा वैचारिक तंत्र और राजनीतिक मंत्र साफ है. हम लोगों के लिए राष्ट्र सर्वोपरि है। नेशन फर्स्ट यही हमारा मंत्र है, यही हमारा कर्म है.