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अंतरराष्ट्रीय भारती दिवस पर बोले पीएम, बहुआयामी थे तमिल कवि सुब्रमण्यन - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

अंतरराष्ट्रीय भारती उत्सव पर आयोजित एक कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि सुब्रमण्यन भारती को परिभाषित करना बहुत मुश्किल है. वह बहुआयामी थे.

अंतरराष्ट्रीय भारती फेस्टिवल
अंतरराष्ट्रीय भारती फेस्टिवल

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Published : Dec 11, 2020, 4:48 PM IST

Updated : Dec 11, 2020, 11:00 PM IST

नई दिल्ली/चेन्नई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतरराष्ट्रीय भारती उत्सव पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया. यह उत्सव तमिल महाकवि सुब्रमण्य भारती के सम्मान में मनाया जाता है. इस वर्ष सुब्रमण्य भारती की 138वीं जयंती मनाई जा रही है.

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि महाकवि भारती की प्रगति की परिभाषा में महिलाओं की केंद्रीय भूमिका थी और उनकी सबसे महत्वपूर्ण दृष्टि स्वतंत्र और सशक्त महिलाओं की थी. उन्होंने कहा, 'सरकार इस दृष्टिकोण से प्रेरित है और महिलाओं के नेतृत्व वाले सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है. सरकार के कामकाज के हर क्षेत्र में महिलाओं की गरिमा को महत्व दिया गया है.'

प्रधानमंत्री का संबोधन

86 वर्ष की उम्र में भी सक्रिय

अंतरराष्ट्रीय भारती उत्सव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री सीनी विश्वनाथन को भारती पुरस्कार से सम्मानित भी किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें श्री सीनी विश्वनाथन को यह सम्मान देते हुए खुशी हो रही है क्योंकि विश्वनाथन ने अपना पूरा जीवन भारतियार के कामों की शोध में लगा दिया. उन्होंने 86 वर्ष की उम्र में भी अपना काम जारी रखा.

बहुआयामी थे भारती

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि सुब्रमण्यन भारती को परिभाषित करना बहुत मुश्किल है. उन्हें किसी एक पेशे या आयाम से नहीं जोड़ा जा सकता है. वह एक कवि, लेखक, संपादक, पत्रकार, समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी, मानवतावादी और बहुत कुछ थे. कोरोना वायरस से फैली महामारी के कारण यह कार्यक्रम वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया गया.

उन्होंने कहा कि आज जहां 15 करोड़ से अधिक महिला उद्यमी मुद्रा योजना जैसी योजनाओं से आत्मनिर्भर हैं वहीं स्थायी कमीशन के साथ महिलाएं सशस्त्र बलों का हिस्सा बन रही हैं.

उन्होंने कहा, 'आज सबसे गरीब महिलाएं जो सुरक्षित स्वच्छता की कमी की समस्याओं का सामना करती थीं, उन्हें 10 करोड़ से अधिक सुरक्षित और स्वच्छ शौचालयों से लाभान्वित किया गया है. ताकि उन्हें और परेशानियों का सामना न करना पड़े.'

उन्होंने कहा, 'यह नये भारत की नारी शक्ति का युग है. वे बाधाओं को तोड़ रही हैं और अपना प्रभाव स्थापित कर रही हैं. यह सुब्रमण्यम भारती को श्रद्धांजलि है.'

महाकवि भारती को उनकी 138 वीं जयंती पर नमन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी शिक्षाएं एकजुट रहने और प्रतिबद्ध रहने के लिए एक मजबूत अनुस्मारक हैं. उन्होंने कहा, 'हर एक व्यक्ति विशेषकर गरीबों और हाशिए पर रहने वाले लोगों का सशक्तीकरण किया जाना चाहिये.'

प्रधानमंत्री ने कहा कि सुब्रमण्यम भारती का वर्णन करना बहुत कठिन है क्योंकि उन्हें किसी एक पेशे या आयाम से नहीं जोड़ा जा सकता है.

उन्होंने कहा, 'वे कवि, लेखक, संपादक, पत्रकार, समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी, मानवतावादी और बहुत कुछ थे.' मोदी ने वाराणसी के साथ महाकवि की निकटता को याद किया और कहा कि 39 साल के छोटे से जीवन में उन्होंने बहुत कुछ लिखा, बहुत कुछ किया और उत्कृष्टता प्राप्त की.

उन्होंने कहा कि उनका लेखन एक गौरवशाली भविष्य की ओर हमारा मार्गदर्शन करता है और आज का युवा उनसे बहुत कुछ सीख सकता है.

युवाओं में बिना किसी डर की भावना के नवाचार और उत्कृष्टता के प्रति रुझान का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का स्टार्ट-अप क्षेत्र निडर युवाओं से भरा है जो मानवता को कुछ नया दे रहे हैं.

इस वर्ष का भारती पुरस्‍कार जानेमाने लेखक सीनी विश्‍वनाथन को दिया गया है. उन्होंने भारती के संदेश को फैलाने में वनविल संस्कृति केंद्र के योगदान की प्रशंसा की और विश्वास व्यक्त किया कि इस महोत्सव में रचनात्मक विचार-विमर्श होगा जो भारत का एक नया भविष्य बनाने में मदद करेगा.

Last Updated : Dec 11, 2020, 11:00 PM IST

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